ईरान और यमन कर रहे हमलों का स्वागत,विश्व के देशों की आईं कुछ इस तरह की प्रतिक्रिया
वॉशिंगटन । विश्व भर में हमास की ज्यादातर देशों के द्वारा इस्राएल पर किए गए हमले की कड़ी निंदा की जा रही है। वहीं ईरान और यमन हमास के इस कार्य और हमलों का स्वागत कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा, “अमेरिका किसी भड़काऊ कार्रवाई के बिना इस्राएली नागरिकों पर हमास के इन हमलों की घोर निंदा करता है।”
व्हाइट हाउस के मुताबिक, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सॉलिवन इस्राएली अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं। बयान में आगे कहा गया कि हम पूरी दृढ़ता से इस्राएल की सरकार और जनता के साथ खड़े हैं और हम इन हमलों में गई इस्राएली जानों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। वहीं, इसके विपरीत ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातोल्लाह अली खमेनेई के एक वरिष्ठ सलाहकार ने हमलों को “गौरवशाली ऑपरेशन” करार दिया। और याह्या रहीम सफावी ने कहा कि हम इस ऑपरेशन का समर्थन करते हैं। सफावी ने “फलीस्तीन और येरुशलम की आजादी तक फलस्तीनी उग्रवादियों के समर्थन” की इच्छा जताई। इसके साथ ही ईरानी संसद के सदन में कई सांसदों ने “डाउन विद इस्राएल,” “डाउन विद अमेरिका” और “वेलकम फलीस्तीन” के नारे भी लगाए गए हैं।
इसी तरह से सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक अपने बयान में कहा है कि राजशाही दोनों पक्षों के बीच तुरंत तनाव पर रोक लगाने, नागरिकों की रक्षा करने और स्व-नियंत्रण की अपील करती है। यमन की राजधानी सना पर कब्जा करने वाले ईरान समर्थक हूथी विद्रोहियों ने हमास के हमले को “जबरदस्त जिहादी ऑपरेशन” करार दिया है। साबा न्यूज एजेंसी पर छपे एक बयान में हूथी विद्रोहियों ने कहा कि यह हमला इस्राएल की “कमजोरी, भंगुरता और नपुंसकता को दर्शाता है।
इस हमले को लेकर यूरोपीय संघ का कहना है कि हमास के हमलों की कड़ी आलोचना की है। यूरोपीय आयोग की प्रेसीडेंट उर्सुला फोन डेय लायन ने इस्राएल का समर्थन करते हुए कहा कि इन वीभत्स हमलों के खिलाफ इस्राएल को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। वहीं, जर्मन चांसलर ओलाफ शॉत्ल्स ने इस्राएल पर हुए औचक हमले की कड़ी निंदा की है। सोशल मीडिया पर शॉल्त्स ने लिखा, “आज इस्राएल से चौंकाने वाली खबर हमारे पास आ रही है. गजा से रॉकेट हमले और बढ़ती हिंसा हमें विचलित कर रही है। जर्मनी हमास के इन हमलों की निंदा करता है और इस्राएल के साथ खड़ा है।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनका देश मुश्किल की इस घड़ी में इस्राएल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस्राएल पर हुए “आतंकी हमले को बेहद बेचैन करने वाली खबर” बताया है। दूसरी ओर मॉस्को में रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखरोवा ने कहा, हम फलीस्तीनी और इस्राएली पक्षों से तुरंत हिंसा को खारिज करने, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद से संघर्ष विराम और जरूरी एहतियात दिखाने की अपील करते हैं, ताकि बहुप्रतीक्षित और दीर्घकालीन शांति के लिए जरूरी सर्वांगीण समझौते की प्रक्रिया स्थापित की जा सके।
यूक्रेन जोकि खुद रूसी आक्रमण झेल रहा है ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस्राएल के आत्मरक्षा के अधिकार को निर्विवादित करार देते हुए कहा कि आतंक हमेशा एक अपराध है, न सिर्फ एक देश या खास पीड़ितों के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने कहा, फ्रांस “पूरी तरह इस्राएल और पीड़ितों के साथ खड़ा है. देश सिरे से आतंकवाद को खारिज करता है और इस्राएल की सुरक्षा के प्रति वचनबद्ध है।”
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार हाई कमीशनर ने गजा में तुरंत संघर्ष विराम की अपील की है । फोल्कर टुर्क ने इस्राएल पर दागे गए हजारों रॉकेटों की रिपोर्ट पर हैरानी जताई। टुर्क ने कहा कि इस हमले का इस्राएली नागरिकों पर डरावना असर पड़ा है. आम नागरिकों को हमलों का निशाना कभी नहीं बनाया जाना चाहिए। इसके अलावा टुर्क का कहना रहा कि मैं तुरंत हिंसा बंद करने की मांग करता हूं और सभी पक्षों और इलाके के अहम देशों से अपील करता हूं कि वे तनाव को कम करते हुए और ज्यादा खूनखराबा न होने दें।