इजरायल पर आसमान से आफत बनकर बरस पड़े हमास आतंकी,अपनाया दूसरे विश्वयुद्ध वाला तरीका

0

इजरायल  हमास के आतंकियों ने इस बार इजरायल पर आसमान से जमकर कहर बरपाया। वहीं गाजा से सीमा क्रॉस करने के लिए भी हमास ने पैराग्लाइडर का सहारा लिया। ये आतंकी लैंड करने से पहले आसमान से ही गोलीबारी करने लगे। पैराग्लाइडर के जरिए आतंकियों ने काफी ऊंचाई पर जाकर सीमा क्रॉस की जिसकी वजह से इजरायली सैनिक उन्हें देख भी नहीं पाए। आतंकियों ने गाजा पट्टी के पास इजरायल के कस्बों पर हमला बोल दिया।

सोशल मीडिया पर वीडियो भी सामने आए हैं जिनमें देखा जा सकता है कि हमास के आतंकी पैराशूट से उतर रहे हैं। वे हथियारों से लैश हैं। बता दें कि इजरायल ने अपनी सीमा पर काफी टाइट सिक्योरिटी कर रखी है। यहां सेंसर और कैमेर भी इंस्टॉल हैं। ऐसे में आतंकियों ने वही तरीका इस्तेमाल किया जो कि दूसरे विश्वयुद्ध के दैरान फ्रांस नॉरमैंडी में अमेरिकी सैनिकों को उतारने के लिए किया गया था। आतंकी ऐसे पैराशूट से आए जो कि एक या दो लोगों को ले जा सकते थे।

बतादें कि दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान मिलिटरी पैराशूट का इस्तेमाल खूब होता था। जर्मनी ने भी इसका खूब इस्तेमाल किया था। बता दें कि पैराशूट और पैराग्लाइडर कई तरह के होते हैं। इसमें कुछ की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रतिघंटे से भी ज्यादा की होती है। इनमें मोटर लगा होता है और ये 5 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ सकते हैं। तीन पहियों वाला पैराशूट तीन लोगों तक को ले जा सकता है। हमास के आतंकियों ने जिन पैराशूट से उड़ान भरी थी वे दो लोगों को ले जा सकते थे।
हवा से ही शुरू कर दी गोलीबारी

हमास के लड़ाके लैंड करने से पहले से ही हमालावर हो गए। आसमान से ही वे फायरिंग करने लगे। ऐसे में घरों से बाहर सड़कों पर निकले लोगों को निशाना बनाया गया। जब तक लोग संभल पाते ये आतंकी जमीन पर आ गए और लोगों के घरों में घुसने लगे। हमास ने इन आतंकियों को सक्र स्क्वॉड्रन का नाम दिया है।

क्यों नहीं देख पाए इजरायली सैनिक
पैराग्लाइडर से इजरायल में घुसने वाले आतंकी बहुत ऊंचाई से उतर रहे थे। दूसरा हमास ने ताबड़तोड़ 5 हजार रॉकेट दाग दिए। इससे सैनिकों का ध्यान बंट गया। इसी बीच पैराट्रुपर सीमा के अंदर उतरने लगे। हालांकि इजरायली सेना ने इस बारे में कुछ नहीं पताया है। हमास के इतने भयंकर हमले को लेकर मोसाद पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed