इजरायल के खिलाफ ईरान की हुंकार, नया मोर्चा खोलने की दी धमकी
तेहरान: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने इस्लामिक और अरब देशों का आह्वान किया है कि वे इजरायल के खिलाफ संघर्ष में सहयोग करें। ईरानी नेता ने यह आह्वान ऐसे समय पर किया है जब इजरायल ने गाजा में हमास के ठिकानों पर बमों की बारिश तेज कर दी है। इस बीच हमास के हमले में मारे जाने वाले इजरायली लोगों की संख्या 1300 तक पहुंच गई है। वहीं हमास ने इजरायल के 150 लोगों को बंधक बनाया है। हमास ने 5000 से ज्यादा रॉकेट अब तक इजरायल पर दागे हैं। इजरायल अब गाजा पर जमीनी धावा बोलने की तैयारी कर रहा है। वहीं ईरान ने इजरायल के खिलाफ नया मोर्चा खोलने की धमकी दी है।
इस बीच इजरायल के जवाब बमबारी में 1100 फलस्तीनी मारे गए हैं। इजरायल ने कहा है कि वह हमास के ठिकानों को निशाना बना रहा है। इजरायल ने लोगों से गाजा के कुछ ठिकानों को छोड़कर चले जाने के लिए कहा है। ईरानी राष्ट्रपति रईसी ने कहा, ‘आज सभी इस्लामिक, अरब देश और दुनिया के स्वतंत्र लोग फलस्तीनी देश के खिलाफ चल रहे यहूदी अपराध को रोकने के लिए सहयोग करें।’ इस बीच हमास को समर्थन देने वाले ईरान के विदेश मंत्री ने चेतावनी दी है कि इजरायल अगर गाजा में अपने हमले तेज करता है तो वह नया मोर्चा खोल सकता है।
अमेरिका को सता रहा हिज्बुल्ला का डर
इस बीच अमेरिका को डर सता रहा है कि अगर हिज्बुल्ला इस संघर्ष में कूदता है तो इजरायल की उत्तरी सीमा पर दूसरा मोर्चो खुल सकता है। हिज्बुल्ला को भी ईरान से समर्थन मिलता है और वह बहुत घातक हथियारों से लैस है। इजरायली विदेश मंत्री मोहम्मद शिया ने कहा, ‘कुछ देशों के अधिकारियों ने हमसे संपर्क किया है। वे क्षेत्र में इजरायल के खिलाफ एक और मोर्चा खोलने की संभावना पर सवाल पूछ रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि हमने उन्हें भविष्य की संभावनाओं के बारे में स्पष्ट रूप से बता दिया है कि यह सबकुछ इजरायल के गाजा में एक्शन पर निर्भर करेगा।
ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि अभी के लिए इजरायल का अपराध जारी है और क्षेत्र के किसी भी देश ने हमसे नया मोर्चा खोलने के लिए अनुमति नहीं मांगी है। इस बीच ईरानी विदेश मंत्री लेबनान पहुंच गए हैं जो हिज्बुल्ला का गढ़ है। हिज्बुल्ला और हमास के नेताओं ने लेबनान में ईरानी विदेश मंत्री का स्वागत किया। ईरानी विदेश मंत्री लेबनान के नेताओं से मुलाकात करेंगे और फिर सीरिया जाएंगे। इससे पहले उनके विमान के सीरिया में उतरने से ठीक पहले इजरायल ने दमिश्क एयरपोर्ट पर भीषण हवाई हमला किया था। ईरानी विदेश मंत्री को अपना रास्ता बदलना पड़ा।