अग्निवीर योजना से नेपाल ने किनारा किया, 6 नेपाली गोरखा सैनिकों की मौत

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नई दिल्‍ली । भारतीय सेना की अग्निवीर योजना से नेपाल ने किनारा किया। इसके बाद नेपाल के गोरखा सैनिक बड़ी मात्रा में रूस की सेना में शामिल हो रहे हैं। लेकिन वहां उनकी क्या स्थिति है, यह जानकर नेपाल भी शर्मिंदा होगा। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड और विदेश मंत्रालय ने इस बात का खुलासा किया है कि यूक्रेन की सेना से जंग लड़ने के दौरान अब तक नेपाल के 6 गोरखा सैनिकों की मौत हो गई है। इनके शव तक रूस से नहीं आ सके हैं। यही नहीं, हिंदू होने के बाद भी इन सैनिकों को वहीं दफना दिया गया है।

हालांकि इन सब के बाद भी नेपाली गोरखा सैनिकों के रूस पहुंचने का सिलसिला अभी तक खत्म नहीं हो रहा है। यहां तक कि मास्को स्थित नेपाली दूतावास से हर दिन एक नागरिक को वापस लौटाया जा रहा है। जहां एक ओर नेपाल सैनिक रूस पहुंच रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रूस से नेपाली सैनिकों के शव तक वापस नहीं आ पा रहे हैं। बल्कि कई नेपाली सैनिकों को वापस भेजा जा रहा है।

नेपाल सरकार की अनु​मति के बिना मास्को जा रहे गोरखा सैनिक

काठमांडू पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल की सरकार ने अपने नागरिकों को रूस की सेना में शामिल होने की अनुमति नहीं दी है। इसके बावजूद लेकिन इसके बाद भी हर दिन कोई न कोई नेपाली गोरखा मास्‍को पहुंच रहा है। नेपाल सरकार की ओर से केवल ब्रिटेन और भारतीय सेना में शामिल होने की अनुमति है।

जंग में एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे नेपाली गोरखा सैनिक

नेपाली पीएम प्रचंड ने खुलासा किया है कि अभी कई गोरखा युवा रूस की सेना में सेवाएं दे रहे हैं, वहीं कुछ तो यूक्रेन की सेना में भी शामिल हैं। वहीं रूस में नेपाल के राजदूत मिलान राज तुलाधार का अनुमान है कि रूसी सेना में कुल 150 से लेकर 200 गोरखा सैनिक हैं। नेपाली राजदूत ने कहा कि देश के युवाओं को खूब सारा पैसा देने का वादा किया जा रहा है

नेपाली युवकों के शव मांग रही प्रचंड सरकार

इससे पहले नेपाल के व‍िदेश मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी करके कहा था कि नेपाली नागरिक युद्धग्रस्‍त देशों में विदेशी सेनाओं में शामिल नहीं हों। रूस में मारे गए नेपाली गोरखा सैनिकों को अपने देश की जमीन तक नसीब नहीं हो रही है। नेपाली विदेश मंत्रालय ने बताया कि मारे गए नेपाली युवकों के शव को रूसी सेना ने वहीं दफना दिया है। नेपाल ने अब रूस से मांग की है कि वह नेपाली युवकों के दफनाए हुए शव को वापस भेज दे ताकि उनका हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्‍कार किया जा सके।

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