पिछली सरकार द्वारा आरोपित आरटीई के कठिन शर्तों और जमीन की बाध्यता संबंधित 2019 के संशोधन को रद्द करें सरकार : आलोक कुमार दूबे

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सरकारी स्कूल की तरह निजी विद्यालयों के बच्चों को पोशाक भत्ता एवं अन्य प्रोत्साहन राशि आवंटित करें सरकार: लाल किशोर नाथ शाह देव 

एक ही नियमावली से संचालित हो निजी विद्यालय और सरकारी विद्यालय;एक ही राज्य में शिक्षा के लिए निजी विद्यालयों के लिए अलग कानून और सरकारी विद्यालयों के लिए अलग कानून मान्य नहीं: डा.राजेश गुप्ता छोटू 

RANCHI:  झारखंड के निजी विद्यालयों के संचालन में आ रही समस्याओं के निदान हेतु पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे,उपाध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं महासचिव डॉक्टर राजेश गुप्ता छोटू ने निजी विद्यालयों की समस्याओं को मैराथन रूप से जनप्रतिनिधियों और मंत्री गणों का ध्यान आकृष्ट करवाने हेतु विधानसभा में झारखंड सरकार के वित्त सह संसदीय मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, ग्रामीण विकास मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी,पशुपालन मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह,स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता,

राजेश कच्छप से बारी बारी मुलाकात कर आरटीई की कठिन शर्तों को निरस्त करने एवं सरकारी विद्यालयों के बच्चों की तरह निजी विद्यालय के बच्चों को भी पोशाक भत्ता एवं अन्य प्रोत्साहन राशि आवंटित करवाने तथा कोचिंग संस्थानों के संचालन हेतु नियमावली बनाये जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।

एवं विस्तार से सभी जनप्रतिनिधियों को झारखंड में निजी विद्यालयों को हो रही संचालन से संबंधित समस्याओं को समझाया।

उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान स्थिति में यदि सरकार का समुचित सहयोग न मिले तो ऐसी स्थिति में निजी विद्यालयों का संचालन झारखंड में दुरुहकर होता जा रहा है।


पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने बताया कि पासवा लगातार मुख्यमंत्री महोदय हेमंत सोरेन जी को झारखंड के निजी विद्यालयों की समस्याओं को लेकर ध्यान आकृष्ट कराया जाता रहा है और एक बार फिर आगामी 2 अगस्त को इस समस्या के निदान के लिए एक बार फिर वित्त मंत्री झारखंड सरकार डॉ रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे के साथ पासवा का स्टेट डेलिगेशन मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।

और निजी विद्यालयों के पक्ष में कोई निर्णय करने का प्रयास करेंगे।

आलोक कुमार दुबे ने बताया कि झारखंड के शिक्षण व्यवस्था के आधार हैं निजी विद्यालय किंतु यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि पिछले सरकार ने संपूर्ण देश से अलग सिर्फ झारखंड में निजी विद्यालयों के के लिए आरटीई कानून में 2019 में संवैधानिक संशोधन कर सर्वथा नवीन शर्त जोड़ दिए थे।

और ऐसे ऐसे कठिन शर्त जोड़ दिए गए हैं जिनका अनुपालन किसी भी निजी विद्यालय के लिए संभव नहीं है।

और आश्चर्यजनक बात यह है कि यह सारे शर्त सिर्फ निजी विद्यालयों के लिए जोड़े गए हैं सरकारी विद्यालयों के लिए इस तरह की कोई शर्तें नहीं है, इसी कारण से संपूर्ण देश में निजी विद्यालयों के संचालन के लिए एक अलग कानून है और झारखंड में निजी विद्यालयों के संचालन के लिए पिछली सरकार के द्वारा 2019 में संशोधन के द्वारा अजीब अजीब शर्तों के साथ अलग कानून बना दिया गया है।

पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन पासवा पिछले वर्षों में लगभग सभी मंचों पर निजी विद्यालयों के साथ हो रहे इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाया है और आगे भी आवाज उठाता रहेगा।
उसी क्रम में आज एक साथ झारखंड सरकार के वित्त मंत्री सह संसदीय कार्य मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, ग्रामीण विकास मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी,

पशुपालन मंत्री दीपिका पांडे सिंह, स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता, एवं विधायक राजेश कच्छप जी से एक ही दिन मुलाकात कर निजी विद्यालयों के पक्ष में जनप्रतिनिधियों को एकमत करने की कोशिश की गई।
इसके अतिरिक्त यह भी बात की गई कि निजी विद्यालयों में भी लाखों गरीब,आदिवासी,

दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं और यह बच्चे झारखंड सरकार के ही बच्चे हैं, अतः सरकार उन्हें भी सरकारी विद्यालयों के बच्चों की तरह आर्थिक प्रोत्साहन दें।
मुख्यमंत्री महोदय ने 9,10,11, 12वीं के विद्यार्थी को पोशाक भत्ते के रूप में ₹600से बढ़ा कर ₹2000 आवंटित किया है।

तथा स्वेटर तथा ब्लेजर के नाम पर भी अतिरिक्त ₹2000 कुल ₹4000 आवंटित करेगी यह अच्छी बात है।

किंतु निजी विद्यालयों के बच्चों को भी यह राशि प्राप्त होनी चाहिए,निजी विद्यालय के बच्चे भी बहुत आशा और उम्मीद से सरकार की ओर आर्थिक प्रोत्साहन राशि के लिए देख रहे हैं।

अतः इस मामले पर भी संज्ञान लेने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पासवा ने बताया कि आज जनप्रतिनिधियों से एक और महत्वपूर्ण मामले पर चर्चा की गई एवं ज्ञापन सौपा गया।

कि झारखंड में कोचिंग संस्थानों के संचालन हेतु जल्द से जल्द नियमावली बनाई जाए ताकि कोचिंग संस्थानों के भया दोहन एवं नॉन स्कूलिंग से झारखंड के गरीब, आदिवासी एवं पिछड़े वर्ग के बच्चों को बचाया जा सके।

पिछले दिन पासवा इस विषय पर अनेक मंचों से आवाज उठा चुकी है।
पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के द्वारा निजी विद्यालयों की मांग को झारखंड सरकार के वित्त संसदीय मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, ग्रामीण विकास मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी,पशुपालन मंत्री दीपिका पांडे सिंह,स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और विधायक राजेश कच्छप जी ने बहुत ध्यानपूर्वक सुना और इन विषय पर सकारात्मक सहयोग करने की बात की।
जमीन के प्रश्न पर तो सभी जनप्रतिनिधि एकमत थे।

और उन्होंने एक स्वर में इस बात को स्वीकार किया कि आरटीई 2019 संवैधानिक संशोधन को संशोधित करने की आवश्यकता है।

और सभी जनप्रतिनिधि अपनी अपनी स्तर से झारखंड के निजी विद्यालयों के प्रति सकारात्मक निर्णय लिया जाए इसके लिए प्रयासरत रहेंगे।
जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा कि निश्चित रूप से झारखंड में निजी विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों को भी आर्थिक प्रोत्साहन की राशि मिलनी चाहिए।

और निश्चित रूप से कोचिंग के संचालन के लिए भी नियमावली बनी चाहिए।

बहुत जल्द एक बार फिर पब्लिक स्कूल्स एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन मुख्यमंत्री महोदय से भी आगामी 2 अगस्त को वार्ता करेगा।

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