झासा की प्रधान सचिव के साथ आहुत बैठक सफलतापूर्वक संपन्न , सभी मांग को बताया जायज, जल्द पूरा करने का दिया आश्वासन
बायोमैट्रिक अटेंडेंस बनाएं और आयुष्मान भारत योजना में दिए गए लक्ष्य की प्राप्ति में अपना पूर्ण योगदान दे: स्वास्थ्य सचिव
RANCHI: चिकित्सकों के लंबित मांगों के संबंध में झासा( झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवाएं संघ, झारखंड) का प्रधान सचिव, स्वास्थ्य शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ,झारखंड सरकार अजय कुमार सिंह के साथ आहुत महत्वपूर्ण बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
बैठक मे प्रधान सचिव ने कहा कि संघ की सभी मांगे सही है और इसे जल्द ही पूरा किया जाएगा।
बैठक में मुख्य रूप से इन बिंदुओं पर विस्तार में चर्चा की गई:-
1) झारखंड राज्य में कार्यरत एमबीबीएस ,डेंटल एवं दोनों संवर्ग के विशेषज्ञ चिकित्सकों को केंद्र एवं बिहार राज्य के तर्ज पर डायनेमिक एसीपी दिया जाए।
2) झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा( गैर शैक्षणिक संवर्ग) में कुल 3370 पद के विरुद्ध केवल 172 प्रमोशन पद हैं। नए प्रमोशन पद सृजित किया जाए एवं वरीयता सूची के आधार पर प्रमोशन किया जाए।
3) झारखंड राज्य के चिकित्सकों का गैर शैक्षणिक विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद पर समायोजन हेतु आवेदन विभाग में पिछले 06 महीने से यथावत स्थिति में है। इस पर कार्य किए जाने की जरूरत है।
4) सेवा संपुष्टि एवं डायनामिक एसीपी के आवेदन विभाग में लंबे समय से यथावत स्थिति में है।
5) सदर अस्पताल रांची में स्त्री रोग विशेषज्ञ ,शिशु रोग विशेषज्ञ एवं निश्चेतक के अलावा कोई भी रेगुलर विशेषज्ञ चिकित्सकों का पद सृजित नहीं है।
इसे सृजित किए जाने की जरूरत है एवं रिक्त पदों को बहाली प्रक्रिया से भरे जाने की जरूरत है।
6) गैर शैक्षणिक चिकित्सा पदाधिकारी से संबंधित चिकित्सा सेवा ( भर्ती ,प्रोन्नति एवं अन्य सेवा शर्त) नियमावली 2010 के अध्याय 5 के कंडिका 17 के आलोक में सेवा संतुष्टि के लिए विभागीय परीक्षा के अतिरिक्त जनजातीय भाषा में उत्तीर्ण करना आवश्यक किया गया।
नियमावली 2010 में बनी। विभाग ने इसे 2009 बैच के चिकित्सकों पर भी लागू किया हुआ है।
2009 बैच के चिकित्सकों को प्रमोशन क्षति से बचाने के लिए सेवा संपुष्टि/ डायनेमिक एसीपी की शर्तों में कोषागार प्रशिक्षण तिथि को आधार बनाया जाए।
7) आयुष्मान योजना से संबंधित सरकारी संस्थान में चिकित्सकीय कार्यों के लिए चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ के हिस्सेदारी वर्तमान में 25% है, जिसे बढ़ाकर 50% किए जाने की जरूरत है।
8) दंत चिकित्सकों में MDS डिग्री वाले चिकित्सक को विशेषज्ञ चिकित्सक की श्रेणी में रखा जाए।
सामान्य चिकित्सकों की तरह दंत चिकित्सक के सेवानिवृत्ति की उम्र 65 से बढ़कर 67 किया जाए।
2019 से दंत चिकित्सको का प्रमोशन लंबित है। वरीयता के आधार पर प्रमोशन दिया जाए।
9) नेत्र विशेषज्ञ चिकित्सकों को विभाग के विवादास्पद अध्यादेश के आधार पर आरोप सिद्ध करते हुए प्रपत्र क जैसे संगीन आरोप लगाए गए एवं पांच वेतन वृद्धि रोका गया।
आरोप निराधार है एवं गलत है । इन्हें आरोप मुक्त किया जाए।
10) गांव में पदस्थापित चिकित्सकों के लिए सरकार एवं विभाग द्वारा पहले से प्रस्तावित रूरल अलाउंस अभी तक अप्राप्त है ।
11) सभी संवर्ग के चिकित्सकों के सेवानिवृत्ति का उम्र 67 वर्ष से नहीं बढ़ाई जाए।
डॉक्टरों की कमी पूरा करने के लिए चिकित्सकों की नई बहाली की जानी चाहिए।
12) श्रावणी मेला में प्रतिनियुक्ति चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मियों को झारखंड राज्य बनने के बाद अभी तक T.A/D.A नहीं मिला।
जबकि अन्य विभाग में समय से इसका भुगतान किया जाता है और किसी- किसी विभाग में एडवांस में इसे उपलब्ध कराया जाता है।
13) सरकारी चिकित्सकों के अध्ययन अवकाश को 2 साल से बढ़कर अध्ययन की पूरी अवधि तक किया जाए
14) झासा के द्वारा अध्ययन अवकाश की अवधि में चिकित्सकों के इंक्रीमेंट की मांग निरंतर की गई है ।परिणाम स्वरुप दो चिकित्सक को इंक्रीमेंट दिया भी गया है।
इस संबंध में विभाग से यूनिफॉर्म लेटर निकल जाने का आग्रह है।
संगठन के सचिव डॉ ठाकुर मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि इन संबंध में माननीय प्रधान सचिव महोदय, स्वा० चि० शिक्षा एवं प० क० विभाग झारखंड सरकार के साथ झासा की बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई ।
सूचीबद्ध मांगों को प्रधान सचिव महोदय के समक्ष रखा गया। सभी मांगों पर क्रमवार विस्तार से चर्चा हुई ।
प्रधान सचिव ने कहा कि सभी मांगे सही है और महत्वपूर्ण है इसे जल्द ही पूरा किया जाएगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि सभी डॉक्टर अपने पदस्थापित स्थल पर रहे। अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करें।
बायोमैट्रिक अटेंडेंस बनाएं और आयुष्मान भारत योजना में दिए गए लक्ष्य की प्राप्ति में अपना पूर्ण योगदान दे।
झासा के अध्यक्ष डॉ पी शाह ने कहा कि इस बैठक के पूर्व झासा ने आईएमए भवन रांची में अपने पदाधिकारी एवं एग्जीक्यूटिव मेंबर्स के साथ एक मीटिंग कर अपने लंबित, जायज एवं महत्वपूर्ण मांगों को सूचीबद्ध किया।
और योजनाबद्ध तरीके से अपने प्रधान सचिव के साथ मीटिंग तय की।
झासा के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व सचिव डॉ विमलेश सिंह ने इस बैठक की सफलता के लिए उपस्थित सभी राज्य प्रतिनिधियों सहित झासा के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया।
बैठक में कोषाध्यक्ष डॉ स्टीफन , डॉ सुजीत कश्यप, डॉ अखिलेश झा, दंत संवर्ग के डॉ निकेत चौधरी एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ दीपांकर ने बैठक के दौरान महत्वपूर्ण सुझाव दिए।