महिला डिजाइन किया पहला स्वदेशी निर्मित होवरक्राफ्ट, जानिए इसकी खासियत

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कोयंबटूर में एक महिला उद्यमी ने भारत का पहला स्वदेशी निर्मित होवरक्राफ्ट डिजाइन करने का दावा किया है जो जमीन और पानी पर चल सकता है।

भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है, कमी है तो बस अवसर और संसाधनों की। अपने देश में कई ऐसी चीजों को तैयार किया जाता है, जिनके बारे में पहले कभी किसी ने नहीं सोचा। इसी कड़ी में आज आपको एक भारतीय महिला के बारे में बताने जा रहे है,

जिन्होंने पहला स्वेदशी निर्मित होवरक्राफ्ट डिजाइन किया है। तमिलनाडु के कोयंबटूर में रहने वाले एक महिला उद्यमी ने दावा किया है कि यह जमीन और पानी पर चल सकता है। उन्होंने कहा कि इसका उपयोग देश की सेवा किया जा सकता है।

पानी और जमीन पर करता है काम

यूरोटेक पिवोट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंध निदेशक सुप्रिता चंद्रसेकर ने मंगलवार को दावा किया कि कोयंबटूर सुलूर झील में स्वदेश निर्मित होवरक्राफ्ट नाव का परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया। उन्होंने कहा कि यह एक उभयचर वाहन है जो सभी इलाकों में काम कर सकता है।

देश की सेवा के लिए हो सकता है उपयोग

सुप्रिता चंद्रसेकर ने एएनआई को बताया कि होवरक्राफ्ट का निर्माण ‘मेड इन इंडिया’ योजना के तहत किया गया था। इसकी लागत अंतरराष्ट्रीय कीमतों की तुलना में कम है। उन्होंने कहा कि इस उत्पाद का उपयोग देश की सेवा के लिए भारतीय नौसेना, वायु सेना, सेना, एनडीआरएफ द्वारा बचाव अभियान आदि द्वारा किया जा सकता है।

सड़क पर 100 किमी/घंटा और पानी में 80 किमी/घंटा की रफ्तार

कंपनी की प्रबंध निदेशक चंद्रसेकर ने कहा कि होवरक्राफ्ट सड़क की सतह पर 100 किमी/घंटा और पानी की सतह पर 80 किमी/घंटा की रफ्तार से चल सकता है। इसके अलावा, इस वाहन की पेलोड क्षमता एक टन है। उन्होंने कहा कि हम 24 सीटों वाला 16 मीटर लंबा होवरक्राफ्ट बनाने की योजना बना रहे हैं।

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