खराब रिपोर्ट कार्ड वाले सांसदों का बीजेपी काटेगी टिकट, नए चेहरों को मिलेगा मौका
नई दिल्ली । महाराष्ट्र में खराब प्रदर्शन करने वाले बीजेपी सांसदों के टिकट कटने की संभावना है। इन सांसदों की जगह लेने के लिए कुछ नए चेहरों को परखा जा रहा है। खबर है कि बीजेपी हाई कमान महाराष्ट्र में कुछ सांसदों के प्रदर्शन से नाखुश है। जेपी नड्डा और अमित शाह ने मुंबई दौरे के दौरान सांसदों के प्रदर्शन की समीक्षा की। इसके बाद विश्वस्त सूत्रों ने जानकारी दी है कि मुंबई में भी कुछ जगहों पर बदलाव की संभावना है।
बैठकों और चर्चा का दौर लगातार जारी
बीजेपी ने आगामी 2024 के चुनाव के लिए कमर कस रही है। इसके मद्देनजर केंद्रीय नेतृत्व हर लोकसभा क्षेत्र की समीक्षा कर रहा है और अपने नेताओं के जमीनी प्रदर्शन का आकलन कर रहा है। गणेशोत्सव के मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और फिर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा मुंबई दौरे पर पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने समीक्षा बैठक की और लोकसभा की कुछ अहम सीटों पर चर्चा की। मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस के सागर स्थित आवास पर मुंबई के सभी बीजेपी सांसदों और विधायकों की बैठक हुई।
कई सांसदों का परफॉर्मेंस खराब
रिपोर्ट्स के अनुसार, बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व राज्य में कुछ सांसदों के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है। इसलिए इन सांसदों के टिकट रद्द कर नए चेहरों को मौका देने की चर्चा चल रही है। यह तय है कि बीजेपी हर सांसद को फिर से टिकट उनके पिछले पांच साल के प्रदर्शन को देखकर ही देगी। इसी के मुताबिक, नामों पर चर्चा होगी और उम्मीदवारों की सूची जारी की जायेगी। ऐसे में कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में बीजेपी नेताओं के बीच नाराजगी भी देखी जा सकती है।
पहले ही सूची की घोषणा हो चुकी है
पहले ही महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों के चुनाव प्रमुखों की घोषणा कर दी गई है। साथ ही महाराष्ट्र के सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों के बीजेपी चुनाव प्रमुख भी बनाये गए है। बीजेपी ने विनय सहस्त्रबुद्धे को ठाणे, मुरलीधर मोहोल को पुणे, जबकि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ओएसडी सुमित वानखेडे को वर्धा लोकसभा क्षेत्र का चुनाव प्रमुख बनाया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने इस सूची की घोषणा की।
जादुई आकड़ा पहुंचाने में नाकाम रही बीजेपी
2019 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 105 सीटें जीतीं, लेकिन बीजेपी अपने दम पर 145 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने में नाकाम रही। बीजेपी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भी सरकार नहीं बना सकी। लेकिन इस साल बीजेपी ने लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव के लिए भी मोर्चाबंदी शुरू कर दी है।