IND vs SA:टेस्ट में शतकवीर डीन एल्गर ने प्रसिद्ध-शार्दुल को बनाया निशाना, कमजोर पेस बना हार का बड़ा कारण
नई दिल्ली। गुरुवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में भारतीय टीम को एक पारी और 32 रन से करारी हार का सामना करना पड़ा। केवल तीन ही दिन में खत्म हुए मुकाबले में भारतीय टीम ना केवल बल्लेबाजी बेहद कमजोर नजर आई। पहली पारी में केवल केएल राहुल ऐसे बल्लेबाज थे जो प्रोटियाज पेस अटैक के सामने टिके और 101 रन की शानदार पारी खेली।
वहीं दूसरी पारी में विराट कोहली ही अकेले जूझते रहे लेकिन उनकी 76 रन की पारी भी टीम इंडिया को 131 रन पर ऑलआउट होन से नहीं रोक पाई। हालांकि बल्लेबाजी की खामियां फैंस को साफ नजर आ रही हैं लेकिन सेंचुरियन टेस्ट में भारत के गेंदबाजी अटैक में बड़ी कमी नजर आई। मोहम्मद शमी की गैरमौजूदगी में जसप्रीत बुमराह अकेले पेस अटैक को संभालने में लगे हुए थे। हालांकि मोहम्मद सिराज ने उनका साथ देने की पूरी कोशिश की लेकिन प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर ने अपने प्रदर्शन से पूरी तरह निराश किया।
मैच के दूसरे दिन दक्षिण अफ्रीका की पारी के दौरान 66 ओवरों में 37 चौके और दो छक्के लगे जिसमें से 17 चौके और दो छक्के – प्रसिद्ध कृष्णा और ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर के 27 ओवरों में आए।
बॉक्सिंग डे टेस्ट में 185 रन की यादगार पारी खेलने वाले सलामी बल्लेबाज डीन एल्गर गेंदबाजों की एक भी गलती माफ करने के मूड में नहीं थे। ऐसे में प्रसिद्ध और ठाकुर को बचने का कोई मौका नहीं मिला। एल्गर ने कई शानदार बाउंड्री लगाई। 287 गेंदो की अपनी पारी में एल्गर ने कोई छक्का नहीं लगाया लेकिन 28 शानदार चौके जड़े। सेंचुरियन टेस्ट में हार के बाद साफ हो गया है कि भारत को, बुमराह, सिराज और शमी से आगे भारतीय तेज गेंदबाजी की स्थिति के बारे में चिंता करना शुरू कर देना चाहिए क्योंकि ठाकुर और प्रसिद्ध चौथे पेसर की भूमिका में खुद को साबित करने में असफल रहे हैं। इन दो खिलाड़ियों के पक्ष में एक तर्क ये दिया जा सकता है कि अभी ठाकुर और कृष्णा के पास अनुभव की कमी है। ठाकुर दस टेस्ट खेल चुके हैं जबकि प्रसिद्ध का ये पहला टेस्ट ही था ऐसे में 140 किमी प्रति घंटे की गति भी कृष्णा को परिस्थितियों का फायदा उठाने में मदद नहीं कर पाई।
कौन ले सकता है जगह?
ठाकुर एक ऑलराउंडर हैं, ऐसे में उनके मुकाबले प्रसिद्ध पर अच्छे गेंदबाजी प्रदर्शन का ज्यादा दबाब है। कर्नाटक के 27 साल के गेंदबाज ने 12 प्रथम श्रेणी मैचों में 54 विकेट हासिल किए हैं। हालांकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर वो ऐसा प्रभाव नहीं छोड़ पाएं हैं। प्रसिद्ध और ठाकुर के अलावा, भारत के टेस्ट पेस कैबिनेट में मुकेश कुमार शामिल हैं। 30 साल के मुकेश पेस से ज्यादा स्विंग के प्रभावी कलाकार हैं इसलिए वह बुमराह, शमी और सिराज जैसा ऑल-वेदर गेंदबाज नहीं हो सकते है। उनके अलावा भारतीय टीम मैनेजमेंट के सामने आकाश दीप, आवेश खान, नवदीप सैनी के विकल्प हैं।