सरकार करेंगी 20 महत्वपूर्ण खनिजों की नीलामी, बुधवार से पहला दौर शुरु

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नई दिल्‍ली । सरकार महत्वपूर्ण खनिजों की नीलामी का पहला दौर बुधवार को शुरू करेगी। इसमें 20 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक के लिए बोलियां आमंत्रित की जाएंगी। आधिकारिक बयान के अनुसार, महत्वपूर्ण खनिजों के 20 ब्लॉक देश भर में फैले हुए हैं। महत्वपूर्ण खनिज देश की आर्थिक…

नई दिल्ली । सरकार महत्वपूर्ण खनिजों की नीलामी का पहला दौर बुधवार को शुरू करेगी। इसमें 20 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक के लिए बोलियां आमंत्रित की जाएंगी। आधिकारिक बयान के अनुसार, महत्वपूर्ण खनिजों के 20 ब्लॉक देश भर में फैले हुए हैं। महत्वपूर्ण खनिज देश की आर्थिक वृद्धि और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। मंत्रालय ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि नीलामी ऑनलाइन माध्यम से दो चरणों में की जाएगी। निविदा दस्तावेज की बिक्री बुधवार से शुरू होगी।

बयान के अनुसार, ‘‘खनिज ब्लॉक, नीलामी की शर्तों, समयसीमा आदि का विवरण एमएसटीसी नीलामी मंच पर उपलब्ध है।” महत्वपूर्ण और रणनीतिक रूप से आवश्यक खनिजों की उच्च मांग है। ऐसे खनिजों की मांग आमतौर पर आयात से पूरी की जाती है। महत्वपूर्ण खनिज नवीकरणीय ऊर्जा, रक्षा तथा कृषि जैसे क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करते हैं। ये खनिज हमारी आर्थिक वृद्धि, देश और उसकी सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह एक ऐतिहासिक पहल है जो हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी, राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाएगी और स्वच्छ ऊर्जा भविष्य का निर्माण करने में मदद करेगी।”

बयान में कहा गया, ‘‘इन खनिजों की उपलब्धता की कमी या कुछ देशों में ही इनकी बहुलता से आपूर्ति श्रृंखला कमजोर हो सकती है। भविष्य की वैश्विक अर्थव्यवस्था उन प्रौद्योगिकियों पर आधारित होगी जो लिथियम, ग्रेफाइट, कोबाल्ट, टाइटेनियम और दुर्लभ मृदा तत्व (आरईई) जैसे खनिजों पर निर्भर हैं।” भारत 2030 तक बिजली की कुल स्थापित क्षमता में से हरित ऊर्जा स्रोतों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बदलाव के महत्वकांक्षी लक्ष्य के साथ इलेक्ट्रिक कार, पवन व सौर ऊर्जा परियोजनाओं तथा बैटरी भंडारण प्रणालियों की मांग बढ़ेगी। इससे इन महत्वपूर्ण खनिजों की मांग बढ़ जाएगी। हाल ही में खनन नियम में संशोधन के माध्यम से 24 खनिजों को महत्वपूर्ण और रणनीतिक रूप से आवश्यक खनिजों के रूप में अधिसूचित किया गया था। इन नीलामियों से उत्पन्न राजस्व राज्यों को मिलेगा।

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