सड़क के किनारे डाल रहे गिट्टी,हादसे का बन रहा अंदेशा, डस्ट से भी लोग परेशान
सड़क के किनारे डाल रहे गिट्टी, राहगीरों की मुसीबत
मंडला. कहीं धूल के उड़ते गुबार, तो कहीं वाहनों के पहिये से उड़ी गिट्टी डस्ट, ये किसी गांव की सड़क नहीं बल्कि जिले की लाइफ लाइन मंडला से जबलपुर नेशनल हाईवे 30 की हालत है, जो गांवों की सड़कों से भी बदतर है। एनएच 30 मार्ग निर्माण को करीब 8 वर्ष हो गए, वहीं मार्ग निर्माण बीच में ही अटक गया।
जिसके बाद निर्माण कार्य में खामियों के चलते इस टेंडर को निरस्त कर दिया गया। अब इस हाईवे मार्ग के सुधार के लिए दोबारा टेंडर किया गया है, जिसमें निर्माण कार्य दोबारा प्रारंभ हुआ। बता दें कि करोड़ों की लागत से शुरू किया गया हाईवे मार्ग की हालत बदत्तर है, बदहाल हो चुका नेशनल हाईवे 30 में जगह-जगह मार्ग में गड्ढे, दरारें और कुछ हिस्सों में निर्माण नहीं किया गया है, जहां मार्ग निर्माण हो चुके है, वहां गड्ढे और दरारों ने अपना स्थान बना लिया है।
इन्हीं गड्ढे और दरारों की मरम्मत के लिए दोबारा एनएच 30 मार्ग का टेंडर किया गया है, जिसमें निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। वहीं कुछ क्षेत्र में धूल के गुब्बारें राहगीरों की परेशानी का सबब बना हुआ है। यह मार्ग बबैहा के आगे पहाड़ी को काटकर बनाया जाने वाले मार्ग के हाल है। यहां धूल के गुबारों के साथ गिट्टियां, पत्थर भी वाहनों, राहगीरों के लिए परेशानी बने हुए है।
जानकारी अनुसार मार्ग निर्माण के लिए नई एजेंसी द्वारा सुधारीकरण और जहां मार्ग पूर्ण नहीं हुआ है, वहां कार्य प्रारंभ कर चुकी है, लेकिन निर्माण कार्य के लिए उपयोग आने वाले मटेरियल को हाईवे मार्ग के किनारे ही ढेर लगाया जा रहा है। जिसके कारण मार्ग किनारे रखा मटेरियल आने जाने वाले वाहनों के कारण मार्ग में ही फैल रहा है। बता दें कि मार्ग निर्माण में उपयुक्त होने वाली बारीक गिट्टी सड़क में फैल रही है। जिससे दोपहिया वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। यदि मार्ग किनारे से कोई चारपहिया वाहन रफ्तार से निकलता है तो गिट्टियां छिटककर आने जाने वालें लोगों को चोटिल कर सकती है। निर्माण एजेंसी इस बात का ध्यान नहीं रख रही है।
चोटिल होने का बना रहता है डर
एनएच 30 से गुजरने वाले राहगीरों ने बताया कि हाईवे मार्ग तो जिलेवासियों की सुविधा के लिए बनाया गया है, लेकिन यह मार्ग बनने से पहले ही यह हाईवे अपनी कहानी बयां कर रही है। जगह-जगह गड्डे और दरारें आ गई है, मार्ग की ऐसी हालत हो गई है कि इस मार्ग को बनने आठ वर्ष तो लग गए लेकिन जर्जर होने में उससे कम समय लगेगा। मार्ग के गड्ढे और दरारों के कारण यहां से गुजरने वाले दोपहिया वाहन और राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां हादसे का अंदेशा हमेशा बना रहता है। वहीं मार्ग के सुधारीकरण और मरम्मत कार्य के लिए रखी गिट्टियों से दोपहिया वाहन चालक अनियंत्रित हो रहे है। जिससे हादेशा का अंदेशा बना हुआ है।