भारत के खिलाफ सीरीज से पहले क्विंटन डी कॉक की प्लानिंग पहले सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने पर

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रॉब वाल्टर ने बताया कि क्विंटन डी कॉक की प्लानिंग पहले सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने पर थी, मगर टीम मैनेजमेंट से बात करने के बाद उन्हें फैसला बदला। डी कॉक दुनियाभर की टी20 लीग्स खेलना चाहते हैं।

नई दिल्‍ली (New Dehli)। साउथ अफ्रीका (South Africa)के लिमिटेड ओवर टीम के कोच रॉब वॉल्टर (Coach Rob Walter)ने हाल ही में क्विंटन डी कॉक (quinton de kock)को लेकर बड़ा खुलासा (exposure)किया है। उनका कहना है कि क्विंटन डी कॉक वनडे के साथ टी20 क्रिकेट से भी संन्यास लेना चाहते थे, मगर टी20 वर्ल्ड कप 2024 को देखते हुए उन्हें यह फैसला लेने से रोका गया। क्विंटन डी कॉक ने वर्ल्ड कप 2023 के शुरू होने से पहले ही 50 ओवर फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था, उन्होंने बताया था कि वनडे फॉर्मेट में यह उनका आखिरी टूर्नामेंट होने वाला है। बता दें, डी कॉक पहले ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं।

सोमवार को भारत के खिलाफ साउथ अफ्रीका के टी20, वनडे और टेस्ट स्क्वॉड का ऐलान करते हुए वॉल्टर ने रिपोटर्स से कहा कि क्विंटन डी कॉक पहले सभी फॉर्मेट से संन्यास लेना चाहते थे, मगर उन्हें ऐसा करने से रोका गया। टीम मैनेजमेंट से बात करने के बाद इस विकेट कीपर बल्लेबाज ने सिर्फ वनडे फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान किया।

रॉब वाल्टर ने कहा, ‘क्विंनी के वर्ल्ड कप के बाद संन्यास लेने के फैसले के समय जब उनसे बात हुई तो उनका मूल रूप से उनका प्लान सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का था। तब मैंने उनसे ऐसा करने से रुकने को कहा। उनके पास बिग बैश लीग खेलने का मौका था जो भारत के खिलाफ टी20 सीरीज की तारीखों से टकरा रहा था। उन्हें साथ बनाए रखने के लिए हमने यह फैसला लिया।’

बता दें, क्विंटन डी कॉक 30 साल की उम्र में ही दो फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं और टी20 लीग्स का हिस्सा बनने के लिए वह टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट भी छोड़ना चाहते थे। डी कॉक को ऑस्ट्रेलिया में होने वाली बिग बैश लीग में हिस्सा लेना था जो भारत के खिलाफ होने वाली टी20 सीरीज से टकरा रही थी। इस वजह से टीम मैनेजमेंट ने उन्हें भारत के खिलाफ टी20 स्क्वॉड में भी नहीं चुना है।

क्विंटन डी कॉक ने वर्ल्ड कप 2023 में सनसनीखेज प्रदर्शन किया, जिसमें 10 मैचों में चार शतकों सहित 594 रन बनाए। डी कॉक टूर्नामेंट में दक्षिण अफ्रीका के लिए टॉप स्कोरर थे। उनके इस प्रदर्शन के दम पर ही टीम सेमीफाइनल तक का सफर तय करने में कामयाब हो पाई, जहां उन्हें ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार के बाद टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा।

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