देश के सभी स्कूली किताबों में पढ़ाई जाएगी रामायण और महाभारत, पाठ्यक्रम में बदलाव
सामाजिक विज्ञान के स्कूली पाठ्यक्रम को संशोधित करने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने एक उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। समिति ने किताबों में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को शामिल सिफारिश की है।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की उच्च स्तरीय समिति ने सामाजिक विज्ञान की पुस्तकों में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को शामिल करने की सिफारिश की है
समिति के अध्यक्ष सीआई आइजैक ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कक्षा 7 से 12 तक के विद्यार्थियों को रामायण और महाभारत पढ़ाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि किशोरावस्था में ही विद्यार्थी अपने आत्मसम्मान, देशभक्ति और राष्ट्र के लिए गौरव का निर्माण करते हैं। उन्होंने कहा कि हर साल हजारों विद्यार्थी देश छोडकऱ दूसरे देशों में नागरिकता चाहते हैं, क्योंकि देशभक्ति की कमी है।
एनईपी कर रहा पाठ्यक्रम को संशोधित
पिछले वर्ष गठित सात सदस्यीय समिति ने सामाजिक विज्ञान के लिए कई सिफारिशें की हैं। यह सिफारिशें एनसीईआरटी की नई किताबों में अमल में आ सकती हैं। गौरतलब है कि एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप स्कूल के पाठ्यक्रम को संशोधित कर रहा है
एनसीईआरटी की नई किताबें अगले शैक्षणिक सत्र तक तैयार होने की संभावना है। आइजैक ने कहा कि हमारी प्रस्तावना लोकतंत्र और पंथनिरपेक्षता सहित सामाजिक मूल्यों को महत्व देती है। इसलिए, हमने इसे कक्षाओं की दीवारों पर लिखने की सिफारिश की है ताकि हर कोई इसे समझ सके और सीख सके।
नीट-जेईई की तैयारी के लिए मददगार होगा ‘साथी’
शिक्षा मंत्रालय और आइआइटी कानपुर ने देश भर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों को सशक्त बनाने के लिए एक ऑनलाइन शिक्षा मंच ‘साथी’ (सेल्फ-असेसमेंट टेस्ट एंड हेल्प फॉर एंट्रेंस एग्जाम्स) को लॉन्च किया। साथी नीट और जेईई की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी होगा। इसमें आइआइटी और आइआइएससी के संकायों के वीडियो लेक्चर भी शामिल हैं। प्लेटफॉर्म हिंदी, अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में सामग्री प्रदान करता है।