गुण्डों के डर से नाबालिग बेटी का बाल विवाह ब्याह रहे थे मां-बाप – aajkhabar.in
विवाहरोधी उडऩदस्ते की सतर्कता ने रोका
प्रशासन की सफलता या उजागर हुई लापरवाही और अकर्मण्यता
इन्दौर पुलिस और बाल विवाहरोधी उडऩदस्ते की सतर्कता ने एक नाबा विलिग केवाह को रूकवा दिया। लेकिन इसमें आहत के साथ शर्मिंदा करने वाली बात यह है कि नाबालिग बालिका के परिजनों ने गुण्डों से बेटी को बचाने के लिए उसका विवाह रचाया था। जिसमें वह अपनी 16 साल की बेटी को दुल्हन 18 साल के दूल्हे के साथ झांसी भेज रहे थे।अब इसे बाल विवाहरोधी उड़न दस्ते की सतर्कता माने या स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता, लापरवाही के साथ विफलता।
इस मामले में बाल विवाह की सूचना पर बाल विवाहरोधी उडऩदस्ता ने पुलिस की मदद से 18 साल के झांसी से आए दूल्हे को नियम और कानून बताकर विवाह करने से रोक दिया क्योंकि दुल्हन की उम्र भी 16 साल ही है। रुस्तम की चाल निवासी बालिका के माता-पिता के अनुसार गुण्डों के डर से उन्होंने अपनी बच्ची का वडोदरा गुजरात में पालन-पोषण करवाया और वहीं शिक्षा भी दिलाई। हाल ही में कुछ दिन पहले माता-पिता पर आपराधिक प्रवृत्ति रखने वाले लोगों ने हमला भी किया था, जिसके बाद से माता-पिता जल्द से जल्द बेटी को ब्याहना चाह रहे थे। उडऩदस्ते ने जैसे ही बाल विवाह प्रतिशेध अधिनियम की जानकारी और सजा का प्रावधान बताया तो बालिग होने तक विवाह नहीं करने का शपथ पत्र परिवार ने दे दिया।
उधर शिकायतकर्ताओं के अनुसार झांसी निवासी 18 वर्षीय दूल्हा मां के बीमार रहने के कारण सेवा करने के लिए बहू लेने आया था। युवक के अनुसार मां की सेवा के लिए वह जल्द से जल्द विवाह करना चाहता है। उसे नियम व सजा के प्रावधान की जानकारी नहीं थी। चर्चा इस बात की भी हो रही है कि दलाल के माध्यम से यह विवाह तय किया गया था और इसमें बड़ा लेनदेन हुआ है जिसकी जांच जारी है।
वहीं प्रशासनिक व्यवस्था के चलते जिला प्रशासन व महिला बाल विकास विभाग अलर्ट मोड पर है। कलेक्टर द्वारा बाल विवाहरोधी उडऩदस्ते के साथ-साथ एसडीएम स्तर पर दलों का गठन किया गया है, जो देवउठनी ग्यारस पर आयोजित विवाह समारोह में होने वाले बाल विवाह पर नजर रख रहे हैं, वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अनुभाग स्तर पर भी दो दलों का गठन किया गया है। इसके अतिरिक्त कलेक्टर कार्यालय में भी बाल विवाह की शिकायत के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है।