अमेरिका और चीन के राष्ट्रपति COP 28 में उपस्थित नहीं, कितनी बड़ी चिंता?
Dubai COP 28 Summit: क्लाइमेट चेंज शिखर सम्मेलन (COP 28) 30 नवंबर से 12 दिसंबर तक हो रहा है। इसमें 160 देशों के नेताओं ने शिरकत की। इस सम्मेलन को दुबई में कराया जा रहा है। COP 28 बैठक के दौरान जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने के तरीकों पर चर्चा की जाती है लेकिन इस सम्मेलन में दुनिया के दो बड़े दिग्गज नेताओं की कमी खल रही है।
अमेरिका और चीन के राष्ट्रपति COP 28 में उपस्थित नहीं हैं।
दोनों देशों के नेताओं का इस सम्मेलन में पहुंचना इसलिए जरूरी है क्योंकि अमेरिका और चीन बड़ी मात्रा में जलवायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं। विश्लेषकों ने कहा है कि अब तक के सबसे बड़े जलवायु शिखर सम्मेलन से शी जिनपिंग और जो बाइडेन की अनुपस्थिति एक संकेत हो सकती है कि न तो चीनी और न ही अमेरिकी राष्ट्रपति को इस सम्मेलन से बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं। हालांकि दोनों देशों की ओर से उच्च स्तरीय प्रतिनिधि भेजे गए हैं।
अमेरिका और चीन की तरफ से कौन पहुंचा दुबई
अमेरिका की ओर से जलवायु परिवर्तन के लिए बाइडन प्रशासन के विशेष राजदूत और पूर्व विदेश मंत्री जॉन केरी COP 28 में शामिल हैं।वहीं चीन के फर्स्ट वाइस प्रीमियर डिंग शुएशियांग भी दुबई पहुंचे हैं। इस बैठक के लिए दुनिया भर के नेताओं और करीब 70 हजार से ज्यादा प्रतिनिधियों ने दो सप्ताह तक चलने वाले सम्मेलन के लिए दुबई का दौरा किया है।
बाइडेन और जिनपिंग क्यों नदारद?
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने शंघाई के ईस्ट चाइना नॉर्मल में राजनीति के प्रोफेसर जोसेफ ग्रेगरी महोनी के हवाले से कहा कि जिस बैठक के सफल होने की उम्मीद नहीं होती वह वहां जाने से बचते हैं। जोसेफ ग्रेगरी ने कहा, “उच्च-स्तरीय नेता आम तौर पर बैठकों से बचने की कोशिश तब करते हैं जब उन्हें बैठक के सफल होने की उम्मीद नहीं होती है, क्योंकि वे सीधे तौर पर उस असफलता से अपने तार जोड़ना नहीं चाहते हैं।”
जोसेफ ग्रेगरी ने कहा कि सम्मेलन में दोनों नेताओं के शामिल न होने के पीछे अपनी-अपनी घरेलू चिंताएं भी थीं। वे कहते हैं, “दोनों नेताओं में से कोई भी जलवायु परिवर्तन को लेकर कोई ऐलान करने की हालत में नहीं है। सम्मेलन में बाइडेन यह भी जाहिर नहीं कर पाएंगे कि अमेरिका अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरा उतर रहा है जबकि शी को ऐसे समय में जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने की लागत को ध्यान में रखना होगा जब चीनी अर्थव्यवस्था लगातार जूझ रही है।”
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में राजनीति विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर चोंग जिया इयान कहते हैं कि दोनों नेताओं के नदारद होने का एक मतलब यह हो सकता है कि ऐसे समय में वे जलवायु परिवर्तन की प्रतिबद्धताओं को नकार रहे हैं और इसकी जरूरत को तरजीह नहीं दे रहे हैं।