अफ्रीका में मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करने की मुहिम, दादी-नानी और महिला को किया जा रहा ट्रेंड
अफ्रीका के छोटे से देश टोगो में डी लीमा अकेली अपने भाई के निधन का शोक मना रही थी। वह जानती थी कि उसे मानसिक रोग संबंधी मदद की जरूरत है। लेकिन थेरेपी महंगी और मनोचिकित्सकों की कमी के कारण ये उनके लिए आसान विकल्प नहीं था।
नई दिल्ली । अफ्रीका के छोटे से देश टोगो में डी लीमा अकेली अपने भाई के निधन का शोक मना रही थी। वह जानती थी कि उसे मानसिक रोग संबंधी मदद की जरूरत है। लेकिन थेरेपी महंगी और मनोचिकित्सकों की कमी के कारण ये उनके लिए आसान विकल्प नहीं था। इसके बावजूद उन्हें एक अप्रत्याशित काउंसलर टेली दा सिलवीरा से मदद मिली, जो उनकी हेयरड्रेसर भी हैं। टेली दा सिलवीरा लगभग 150 महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने पश्चिम और मध्य अफ्रीकी शहरों में मानसिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
इस समय टोगो और कई अन्य अफ्रीकी देशों को अधिक और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सा की तत्काल जरूरत है। इन देशों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति को पारंपरिक इलाज के नाम पर जबरदस्ती धार्मिक संस्थानों या क्लीनिक्स में अकेले बांध कर रखना भी शामिल है।
इस तरह के अमानवीय उपचार से उभरने और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अफ्रीका के स्थानीय गैर-लाभकारी और अंतर्राष्ट्रीय संगठन नसों, सामान्य चिकित्सकों, यहां तक कि दादी-नानी को भी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं। हाल ही में महिला हेयरड्रेसर्स को भी इस अभियान में शामिल किया गया है। इसकी वजह सैलून के सस्ते और महिलाओं के लिए एक पसंदीदा स्थल होना है। सैलून का पहले भी महिलाओं में प्रेग्नेंसी जैसे मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा चुका है।