हृदयाघात से बचने के लिए रक्तचाप एवं रक्त शर्करा को नियन्त्रण में रखें: डाॅ वी के जगनाणी

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RANCHI: अगर हमलोग हृदयाघात, पक्षाघात एवं अन्य कार्डियोवैस्कुलर उलझनों से बचना चाहते हैं तो हमें अपने रक्तचाप, रक्त शर्करा एवं वसा अर्थात् काॅलेस्ट्राॅल के स्तर को नियमित रूप से नियन्त्रण में रखना होगा।

राँची में हो रहे एक्यूकाॅन 2023 में मुख्य अतिथि के रूप में आमन्त्रित डाॅ वी के जगनाणी ने अपने व्याख्यान में उपरोक्त बाते कही।

साथ ही उन्होंने बताया कि अनियन्त्रित रक्तचाप, मधुमेह, डिस्लिपीडिमिया एवं शिथिल जीवनशैली इनके मुख्य कारक हैं।

उन्होंने यह भी बताया मद्यपान, धुम्रपान, तम्बाकू, तेल एवं तनाव से बचना चाहिए।

अक्सर हमलोग हृदयाघात को गैस समझ कर उपेक्षित कर देते हैं जो की मृत्यु अथवा हार्ट फेल्योर करवा देता है।

छाती में पीड़ा, साँस फूलना, पसीना आना, बेचैनी होना, मतली जबड़े से लेकर नाभि के बीच के किसी भी कष्ट को हृदयाघात मानना चाहिए एवं उसके अनुरूप परिक्षण होना चाहिए।

अगर हमलोग नियमित रूप से हरे शाक सब्जी एवं फलों का सेवन करें तथा गृह निर्मित पौष्टिक आहार लें तो उपरोक्त समस्या से बच सकते हैं।

साथ ही, प्रयास कर, प्रतिदिन एक घण्टा पैदल चलें अथवा आसन / प्राणायाम, तैराकी, साइकल चलायें तो स्वयं को स्वस्थ्य रख सकेंगे।

डाॅ जगनाणी ने एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति एवं आधुनिक आयुर्विज्ञान ऐलोपैथी के सामंजस्य से स्वस्थ्य रहने पर विशेष महत्व देते हुए दोहराया कि रक्तचाप, मधुमेह के मापक को आवश्यक रूप नियन्त्रण में रखना है।

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