क्यों आता है आलस:कैल्शियम की कमी, सिर दर्द, थकान, कमजोरी सुस्ती की वजह
नई दिल्ली । पूरे आठ घंटे की अच्छी नींद के बावजूद सुबह बिस्तर छोड़ना आसान नहीं होता। रात की अच्छी नींद के बावजूद सुबह उठने पर शरीर क्यों टूटता है और ताजगी महसूस नहीं होती? ये तकलीफ कुछ बीमारियों का संकेत हो सकती है। कभी-कभार ऐसा हो सकता है लेकिन लंबे समय तक इस तकलीफ का बना रहना किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। पूर्व चिकित्सा प्रभारी और यूनानी डॉ. सुबास राय से जानते हैं कि सुबह बिस्तर छोड़ने में क्यों आती है आलस।
जोड़ों में दर्द और जकड़न
सुबह के समय जोड़ों में दर्द और जकड़न, बैलेंस बनाने और चलने-फिरने में परेशानी होना गठिया का लक्षण है। विटामिन डी और कैल्शियम की कमी भी जोड़ों से जुड़ी प्रॉब्लम बन सकती है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के मुताबिक देर रात तक मोबाइल, टीवी देखना, नींद पूरी न होना और एक्सरसाइज न करने की वजह से जोड़ों पर बुरा असर पड़ता है।
सुबह-सुबह आलस्य नहीं आएगा करें ये काम
वजन काबू में रखें
एक्सरसाइज करें
गुनगुने पानी से ननाएं
बिस्तर पर ही स्ट्रेचिंग करें
सूजन बढ़ाने वाली डाइट न लें
कैल्शियम, विटामिन सी और डी से भरपूर डाइट लें
जोड़ों में दर्द होने पर यूरिक एसिड, गठिया की जांच कराएं
धूप में कुछ समय बिताएं, सेरोटोनिन लेवल बढ़ेगा, रात में नींद अच्छी आएगी।
सुबह-सुबह सिरदर्द
सुबह उठने पर रोज सिरदर्द और चक्कर महसूस करना भी किसी समस्या की ओर इशारा करता है। रात को चाय, कॉफी या शराब ज्यादा पीने से डिहाइड्रेशन होता है, जिससे सुबह उठने पर सिर भारी होना, सिरदर्द या चक्कर महसूस होता है।
मानसिक तनाव भी सिर दर्द की वजह हो सकती है। गंभीर कारणों की बात करें तो रोजाना सुबह तेज सिरदर्द ब्रेन की जुड़ी किसी दिक्कत का संकेत हो सकता है।
स्लीप एपनिया और माइग्रेन से भी सुबह सिरदर्द या चक्कर आते हैं। अमेरिका माइग्रेन फाउंडेशन के मुताबिक, सुबह उठने पर सिरदर्द की परेशानी महिलाओं में ज्यादा होती है। 40 की उम्र के बाद ये समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।
चेहरे और शरीर पर सूजन आना
चेहरे पर सूजन फ्लूइड रिटेंशन की वजह से होती है। रात के खाने में तेज नमक की डाइट न लें। इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। सोडियम की वजह से लोगों को प्यास ज्यादा लगती है, जब ज्यादा पानी यूरिन के जरिए बाहर नहीं निकाल पाता तो वह जमा होने लगता है।
हेल्थ इनसाइक्लोपीडिया के मुताबिक, बहुत कम या ज्यादा सोना भी सूजन बढ़ाता है। ज्यादा शराब पीने वालों में भी सुबह चेहरे पर सूजन के संकेत देखने को मिलते हैं। इसके अलावा धूल, जानवरों की डेड स्किन की वजह से होने वाली एलर्जिक रिएक्शन से भी चेहरे पर सूजन होने लगती है।
हाई बीपी और किडनी की प्रॉब्लम में भी बॉडी में स्वेलिंग के लक्षण देखने को मिलते हैं। अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में हुए नए अध्ययन के मुताबिक, टेंशन भी चेहरे पर सूजन का कारण बन सकता है।
तेज नमक की डाइट जैसे बर्गर, पिज्जा, चिप्स रात में न खाएं। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट भी न लें
सोने से दो घंटे पहले भोजन करें। 6 घंटे से कम और 8 घंटे से ज्यादा न सोएं।
चेहरे पर सूजन गलत सोने से भी होती है। पीठ के बल सोएं, पेट के बल नहीं।
ठंडे पानी में तौलिए को डुबोकर चेहरे पर लगाएं या चेहरे पर ठंडे टी-बैग्स रखें।
खानपान-लाइफस्टाइल में बदलाव लाने पर भी शरीर और आंखों में सूजन लगातार बनी रहे तो डॉक्टर से मिलें।
थकान-कमजोरी महसूस होना
पूरी नींद के बाद भी बहुत से लोगों को सुबह के समय थकान, सुस्ती और कमजोरी महसूस होती है। उल्टी, जी मिचलाना, सांस लेने में दिक्कत होना और चक्कर आना जैसे लक्षण भी हैं तो हाइपोग्लाइसीमिया की जांच जरूरी है। हाई बीपी और थायराइड बढ़ने से भी ऐसा होता है। अनियमित खानपान, डायटिंग खासकर कीटो डाइट से थकान और कमजोरी हो सकती है।