ओरल एवं मैक्सिलोफेसिअल सर्जन्स के दो दिवसीय अधिवेशन का रिम्स में शुभारंभ 

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मैक्सिलोफेसिअल सर्जन का चिकित्सा विज्ञान में बहुत बड़ा योगदान: रिम्स निदेशक 

RANCHI: बिहार एवं झारखंड के मैसील्लो फिशियल सर्जन के साथ-साथ पूरे भारत से आये कुछ मैक्सिलोफेसिअल सर्जनों ने भाग लिया इसके उद्घाटन में रिम्स के निदेशक डॉक्टर राजकुमार, रिम्स के अधीक्षक डॉक्टर हिरेन्द्र बिरूवा, ए ओ एम एस आई के बिहार झारखंड प्रांत के अध्यक्ष डॉ रितेश राज, सचिव डॉ अजय शाही, अधिवेशन के अध्यक्ष डॉ वीके प्रजापति, अधिवेशन सचिव डॉक्टर ओम प्रकाश के सात डेंटल कॉलेज एवं मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा के छात्र एवं चिकित्सा के शिक्षकों ने भाग लिया। निदेशक प्रोफेसर राजकुमार ने बताया कि मुख्य पटल एवं मुख गुहा की पीड़ा को दूर करने वाले मैक्सिलोफेसिअल सर्जन का चिकित्सा विज्ञान में बहुत बड़ा योगदान है।

उन्होंने बताया कि मैक्सिलोफेसिअल सर्जन ट्रॉमा के साथ-साथ ऑर्थोंगोनेटिक सर्जरी,कैंसर, क्लेफ्ट लिप क्लेफ्ट पलट की सर्जरी में भी काफी अच्छा काम कर रहे हैं।

जल्द ही डेंटल कॉलेज की ओट फंक्शनल हो जाएगी।

तो हमारे यहां के चिकित्सक यहां के मरीजों को और अच्छी सेवा दे पाएंगे।
मंच का संचालन डॉक्टर ऋचा अंगीक एवं डॉक्टर स्वाति शर्मा ने किया।

इस अधिवेशन में मुख्य रूप से टेंपो मंडीबुलर जॉइंट के बीमारियों एवं उसके उपचार के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा हुई और होगी प्रारंभ के सत्र में पीजी के छात्रों द्वारा पेपर एवं पोस्ट दिया गया जिसमें टेंपरा मंडीबुलर जॉइंट से संबंधित विभिन्न प्रकार के रोगों की चर्चा की गई चेन्नई से आए हुए विशेषज्ञ डॉक्टर थंगवेलू ने बदलते परिवेश में टेंपो मंडीबुलर जॉइंट के बदलते हुए उपचारों के बारे में व्याख्या की
पश्चिम बंगाल के डॉक्टर सृजन मुखर्जी एवं दिल्ली के डॉक्टर आशीष गुप्ता ने बिना सर्जरी के टेंपोरो मंडीबुलर जॉइंट की अनाटॉमी एवं नॉनसुर्गुकल चिकित्सा की विस्तृत व्याख्या की। पीजीआई चंडीगढ़ के प्रोफेसर डॉक्टर विद्या रत्न ने अपने देश और विदेश के टेंपो मंडीबुलर जॉइंट के के चिकित्सा में व्यापक अंतर को अच्छे से बताया। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अहमदाबाद से आए हुए प्रोफेसर सोनल अंसलिया ने टेंपरा मंडीबुलर जॉइंट से संबंधित चेहरे की सुंदरता और उसको अच्छा करने के बारे में विस्तृत रूप से बताया।

अब चिकित्सा में नई-नई तकनीकियों का उपयोग होता है लेजर आर्टिफिशियल के साथ-सा थ, कई प्रकार की नई तकनीकियों से हम रोगियों का अच्छे से अच्छा इलाज कर सकते हैं।
कल इसी अधिवेशन में टेंपरा मंडीबुलर जॉइंट के आर्थ्रोस्कॉपी एवं टेंपरा मंदबुलर जॉइंट के ट्रॉमा के बारे में चर्चा होगी

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