झारखंड में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने की स्थिति में 

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झारखंड के 250 से अधिक अस्पतालों द्वारा दी गई सेवाओं का भुगतान पिछले 4 महीनों से बंद
AHPI ने बैठक मे  मुख्यमंत्री से की अपील, तुरंत हस्तक्षेप कर बिना उचित कारण के रोके गए भुगतान को बहाल करें

RANCHI: PMJAY/ MMJAY योजना के तहत झारखंड के 250 से अधिक अस्पतालों द्वारा दी गई सेवाओं का भुगतान पिछले 4 महीनों से बंद है, और बार-बार संबंधित अधिकारियों से मिलने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सरकार और अधिकारियों की उदासीनता के चलते ये अस्पताल अब पूरी तरह से अपनी सेवाएं देने में असमर्थ हैं।

आज AHPI के तत्वावधान में इस मुद्दे पर आयोजित बैठक में जानकारी दी गई कि Executive Director-NRHM ने इनका भुगतान रोक दिया है। केंद्र सरकार नियमित प्रतिक्रिया के तहत PMJAY/MMJAY से अनुबंधित अस्पतालों को समय-समय पर फ़्लैग करती है, और यह सूचना राज्य सरकार को दी जाती है। इसके बाद राज्य सरकार इन फ़्लैग किए गए अस्पतालों का निरीक्षण और जांच करती है कि कहीं अनियमितता या धोखाधड़ी तो नहीं हुई।

जिन अस्पतालों में गड़बड़ी पाई जाती है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
Enforcement Directorate ने राज्य सरकार से ऐसे अस्पतालों की सूची मांगी थी, और पिछले वर्षों में 3 अस्पतालों में धोखाधड़ी पाए जाने पर उनका अनुबंध रद्द कर दिया गया था।

बावजूद इसके, बाकी सभी अस्पतालों का भुगतान पिछले 4 महीनों से रोक दिया गया है, जबकि इनमें कोई अनियमितता नहीं थी।
ऐसी स्थिति में, बिना किसी दोष प्रमाण के बाकी अस्पतालों का भुगतान रोकना सर्वथा अनुचित है।

ये सभी अस्पताल पाक साफ़ हैं- तभी तो राज्य सरकार इनमें लगातार अपनी सेवाएं देने और मरीजों का इलाज करने के लिए लगातार अनुमति भी दे रही है. ज्ञातब्य हो कि MMJAY के तहत प्रत्येक मरीज़ के इलाज के पहले TPA और NHA अप्रूवल के बाद ही treatment की अनुमति मिलती है. इन सभी मरीजों को सेवाएं MmJAY के अनुसार देने के लिए बाध्य करना और फिर payment ना करना- यह किस प्रकार का न्याय है? AHPI  मुख्यमंत्री से अपील करती है कि वे तुरंत हस्तक्षेप कर बिना उचित कारण के रोके गए भुगतान को बहाल करें।

ताकि झारखंड के लोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दर-दर न भटकें।

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