आईवीएफ सेंटर का 23 वां स्थापना दिवस पर बेबी शो का आयोजन 16 को, स्वास्थ्य मंत्री करेंगे उद्घाटन

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पोलूशन एवं कुपोषण बांझपन का प्रमुख कारणः डॉ जया भट्टाचार्या

रांची सेंटर में अब तक साढ़े तीन सौ आईवीएफ ट्रीटमेंट से बच्चे का जन्म 

नि: संतान दंपत्तियो के लिए आईवीएफ ट्रीटमेंट किसी वरदान  से कम नही

आईवीएफ ट्रीटमेंट का सक्सेस रेट 70 से 80 प्रतिशत तक

RANCHI: एएच आईवीएफ रिसर्च सेंटर प्रा. लि. टैगोर हिल रोड, मोरहाबादी का 23 वां स्थापना दिवस समारोह 16 जनवरी को अपराह्न 12 बजे से अपराहन दो बजे तक रांची आईएमए भवन, करम टोली चौक प्रेस क्लब के पास आयोजित किया जायेगा।

समारोह के मुख्य अतिथि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता बेबी शो का उद्घाटन करेंगे। समारोह में लगभग एक हजार से ज्यादा जोड़े(माता पिता) शामिल होंगे।

इस मौके पर बेबी शो का आयोजन एवं प्रसिद्ध जादूगर द्वारा मैजिक शो की प्रस्तुति की जायेगी।

सेंटर की डायरेक्टर एवं आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ मिसेज जया भट्टाचार्या ने अपने सेंटर में रविवार को आयोजित प्रेसवार्ता में उपरोक्त जानकारी दी।

डॉ भट्टाचार्या ने बताया कि  23 वें स्थापना दिवस के मौके पर आईवीएफ ट्रीटमेंट के लिए फ्री निबंधन, फ्री काउंसिलिंग, ब्लड डोनेशन कैंप, माता एवं बच्चे का फ्री हेल्थ चेक अप, ब्लड टेस्ट एवं सोनोग्राफी जांच में स्पेशल पचास प्रतिशत तक की छूट एवं आईवीएफ ट्रीटमेंट पैकेज में स्पेशल डिस्काउंट दिया जायेगा।

स्थापना दिवस समारोह में आये सभी माता पिता एवं बच्चों को मुफ्त में नाश्ता एवं भोजन की व्यवस्था है।

प्रेसवार्ता में डॉ जया भट्टाचार्या ने बताया कि रांची सेंटर में अब तक साढ़े तीन सौ आईवीएफ ट्रीटमेंट से बच्चे का जन्म हुआ है जिसमें से 30 प्रतिशत जुड़ुवा बच्चों ने जन्म लिया और एक से दो प्रतिशत एक साथ तीन बच्चे का जन्म हुआ है।

वैसे माता पिता जो निःसंतान है उनके लिए आईवीएफ ट्रीटमेंट से बच्चे का जन्म होना किसी वरदान से कम नहीं है। उनके आंगन में बच्चे की किलकारी गुंज सकती है।

एक प्रश्न उत्तर में डॉ जया भट्टाचार्या ने बताया कि आईवीएफ ट्रीटमेंट का सक्सेस रेट 70 से 80 प्रतिशत तक है। उन्होंने बताया कि पुरुषों में 55 प्रतिशत बांझपन की समस्या है वहीं महिलाओं में संक्रमण के कारण बांझपन की समस्या ज्यादा है।

इसमें प्रमुख रुप से अंडे की संख्या बहुत कम होता है। डॉ भट्टाचार्या ने बताया कि महिलाओं में 30 से 32 उम्र में अंडे की संख्या 20 से 35 प्रतिशत कमी है। बांझपन की समस्या का प्रमुख कारण पूछे जाने पर बताया कि पोलूशन एवं कुपोषण बांझपन का प्रमुख कारण है।

साथ ही टीबी रोग एवं बैक्टेरिया के संक्रमण से भी बांझपन की समस्या होती है। ज्यादातर महिलाओं का वजन कुपोषण के कारण 30 से 35 किलो तक होता है जिसके कारण बांझपन की समस्या होती है। पुरुषों में बांझपन की समस्या का प्रमुख कारण फैक्ट्रियों में गर्म भट्टी के पास काम करने, एग्रीकल्चर(कृषि) के क्षेत्र में काम करने वाले जो ज्यादा कम्पोस्ट वैगेरह यूज करते हैं उससे समस्या उत्पन्न होती है। इसके अलावा तंबाकू का सेवन, ड्रग्स एवं शराब आदि नशीले पदर्थ का सेवन से बांझपन की समस्या होती है।

प्रेसवार्ता में आईवीएफ सेंटर, रांची हेड आयशा भी उपस्थित थी।

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