हेमन्त सरकार में ग्रामीण विकास विभाग लूट, भ्रष्टाचार एवं घोटाले का बना अड्डा: सीपी सिंह

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RANCHI: भाजपा विधायक एवं पूर्व नगर विकास विभाग मंत्री सीपी सिंह ने हेमन्त सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के 4 साल में ग्रामीण विकास विभाग लूट, भ्रस्टाचार एवं घोटाले का अड्डा बन गया है।

श्री सिंह भाजपा प्रदेश कार्यालय में आज प्रेस वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे।

श्री सिंह ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग गांव के विकास योजनाओं को गति देने का काम करती है लेकिन हेमन्त सरकार में अभी तक मात्र 47% राशि खर्च दिखाई गई है।

श्री सिंह ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर हो रहा है लेकिन छह-छह माह बाद भी टेंडर को खोला नही गया है।

झामुमो- कांग्रेस के नेताओं के दबाव में ऐसा किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि विरेंद्र राम ग्रामीण विकास विभाग के चीफ़ इंजीनियर हुआ करते थे जिनके यहां ग्रामीण कार्य विकास विभाग से अवैध कमाए गए करोड़ो रुपए मिले हैं।

उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत मृत व्यक्ति के नाम पर पैसा निकाला गया है।यहां तक कि जो जेल मे बंद है उनके नाम पर मनरेगा से पैसा निकासी की जा रही है।

कागज पर डोभा बनाकर पैसा निकाला जा रहा है।

उन्होंने कहा कि रघुवर दास सरकार के समय में ग्रामीण सड़कों,पुल पुलियों का निर्माण बड़े पैमाने पर हुआ।
उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार के समय शुरू किए गए ग्रामीण बागवानी, जोहार योजना को बंद कर दिया गया।
कहा कि सखी दीदी योजना की राशि आवंटन को घटा दिया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना बंद किया गया इसका कारण यह है कि बालू नहीं मिल रहा है।

बालू की कालाबाज़ारी धड़ल्ले से हो रही है। बालू का दाम आसमान छू रहा है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को जानबूझकर धरातल पर लागू नहीं किया जा रहा।
उन्होंने कहा कि 4 साल से अनेक मनरेगा योजनाएं बंद पड़ी हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में जल जीवन मिशन की गति काफी सुस्त है।

कुल घरों की संख्या 61.77 लाख में 45.97 यानि 28.40 लाख घरों तक ही नल से जल पहुँचाया। जा सका है, जबकि राष्ट्रीय औसत 70.15 है।

उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में 74 ऐसे गाँव है जहाँ एक भी घर में नल से जल नही पहुँचाया जा सकता है जिसमें मुख्यमंत्री का जिला साहिबगंज के 22 गाँव सर्वाधिक है।

मार्च 2024 तक लक्ष्य प्राप्ति का है। राज्य सरकार ने एक साल का एक्सटेंशन मांगा है। इतना ही नही, इस योजना में कई तरह के अनियमिताएं बढ़ती जा रही है रांची के नामकुम प्रखंड के महिलोंग व टाटी गांव में 3331 घरों में सिर्फ कागज पर ही यह योजना पहुंची है इसी प्रकार आदिवासी बहुल गांव मनिका में लोगों के घरों में नल से जल पहुंचा ही नहीं लेकिन संचिका में काम फाइनल हो चुका है।

उन्होंने कहा कि पीएम आवास में झारखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना का हाल बुरा है बालू की अनुपलब्धता और अधिकारियों की लापरवाही के कारण कई जिलों में आवास पेंडिंग है।

पीएम आवास में बिजोलिया बाद हावी है कोडरमा में बिरहोर का आवास का पैसा बिचौलिया उठाकर खा गए।

 

उन्होंने कहा कि झारखंड में पीएमजीएसवाई का हाल बहुत बुरा है राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में केंद्र द्वारा दिए गए लक्ष्य को 119 किलोमीटर खुद ही कम कर दिया।

उन्होंने कहा कि पीएम उज्ज्वला योजना के तहत झारखंड में 35 लाख 27 हज़ार 135 गैस सिलेंडर कनेक्शन दिया गया, इसमे सबसे ज्यादा ग्रामीण लोगी को दिया गया।

उन्होंने कहा कि पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत 15 लाख 84 हज़ार 185 लोगो को घर दिया गया।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग केंद्र सरकार हर 2023-24 में में झारखण्ड को 3900 करोड़ से अधिक का अनुदान प्रदान किया है। केंद्र सरकार ने पिछले पाँच वर्षों में CRIF योजना के तहत झारखंड में 21 सड़क परियोजनाओ के लिए 1718 करोड़ की मंजूरी दी थी।

हालांकि अगस्त 2023 तक 1000 करोड़ रुपये के परियोजनाओं अभी भी टेंडर की प्रक्रिया में है जिससे स्पष्ट होता है कि झारखंड राज्य सरकार द्वारा कार्यवाई में देरी हो रही है।

उन्होंने कहा कि पिछली रघुवर दास जी की सरकार में राज्य के सभी गाँवों में स्ट्रीट लाइट, टंकी- पाइप लाइन के माध्यम से पानी और पेवर ब्लॉक की सड़कें बनाई गई थी।

लेकिन आज ग्रामीण विकास की योजनाएं ठप्प है।

प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक एवं प्रदेश प्रवक्ता रमाकांत महतो उपस्थित थे।

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