कांग्रेस की सोच हमेशा से अम्बेडकर विरोधी: बाबूलाल मरांडी
अंबेडकर सम्मान मार्च का नाटक कर रही कांग्रेस पार्टी
RANCHI: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज कांग्रेस पार्टी पर बड़ा निशाना साधा।
श्री मरांडी ने कांग्रेस द्वारा आयोजित अंबेडकर सम्मान मार्च को ढकोसला करार दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच शुरू से अम्बेडकर विरोधी रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी, जिसने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का हमेशा अपमान किया, उनका मजाक उड़ाया और उन्हें लज्जित किया।
आज वही पार्टी उनके नाम पर हक मांगने का ढोंग कर रही है।
कहा कि कांग्रेस को अपने नेताओं और पंडित नेहरू द्वारा बाबा साहब अंबेडकर के प्रति किए गए अपमान के लिए पूरे देश से बिना शर्त माफी मांगना चाहिए।
कहा कि जब भी कोई व्यक्ति मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देता है, तो सदन में उसे बोलने का मौका दिया जाता है।
लेकिन बाबासाहब भीमराव अंबेडकर जी के इस्तीफे के बाद सदन में उन्हें बोलने तक नहीं दिया गया।
अपने त्याग पत्र में बाबा साहब अंबेडकर ने पंडित नेहरू के खिलाफ बहुत कुछ लिखा है। बाबा साहब ने अपने इस्तीफे में लिखा था कि “मैं वित्त और उद्योग क्षेत्र में पढ़ा-लिखा था, मगर मुझे उससे जुड़ा एक भी विभाग नहीं दिया गया और एक भी संसदीय कमेटी का हिस्सा नहीं बनाया गया।
मुझे कानून मंत्रालय दिया तो गया, मगर ईमानदारी से काम नहीं करने दिया गया।
मुझे हिंदू कोड बिल के कार्य को पूरा नहीं करने दिया गया। केवल मुसलमानों की चिंता की गई, लेकिन एससी और एसटी को उचित संरक्षण प्रदान नहीं किया गया।
कहा कि कांग्रेस पार्टी देश भर में भाजपा के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस का नाटक कर रही है।
जिस कांग्रेस ने देश के महान सपूत डॉ भीम राव अंबेडकर का हमेशा से ही अपमान किया और उन्हें संविधान सभा का सदस्य तक नहीं बनने दिया, आज वह बाबा साहब के प्रति प्रेम का दिखावा कर रही है।
कहा कि जिस कांग्रेस ने बाबा साहब अंबेडकर को 1952 के लोकसभा चुनाव और 1954 के उपचुनाव में हरवाया, जिस कांग्रेस ने बाबा साहब को देश के कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया, जिस महान सपूत को कांग्रेस पार्टी ने भारत रत्न तक नहीं दिया, जिस कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब का एक भी स्मारक नहीं बनने दिया, वो कांग्रेस पार्टी आज बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर प्रेस वार्ता कर रही है,मार्च निकाल रही है। कांग्रेस को इस पाखंड को बंद कर देना चाहिए।
कहा कि कांग्रेस पार्टी के एक महामंत्री, जो राहुल गांधी के बेहद करीबी हैं, संसद परिसर में हुई धक्का-मुक्की के बाद राहुल गांधी पर केस होने पर कहते हैं कि यह गर्व की बात है और यह उनकी बाबा साहब की विरासत के लिए लड़ाई है।
कांग्रेस पार्टी का झूठ का पुलिंदा बहुत अजीबोगरीब है। एक तरफ राहुल गांधी ने धक्का-मुक्की की, सांसदों को गिरा दिया, सांसदों को चोट आई, उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, राहुल गांधी पर केस हुआ जबकि उनके नेता इसे गर्व की बात कहते है।
कहा कि जब भी कोई बड़ा नेता जाता है, तो उनकी विरासतों को संजोया जाता है और उनकी स्मृतियाँ बनाई जाती हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब की एक भी स्मृति बनाने की अनुमति नहीं दी। बाबा साहब के जन्मस्थान मध्यप्रदेश में उनकी एक स्मृति निर्माण का काम भाजपा के मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के कार्यकाल दौरान हुआ था,
और स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी ने उसका उद्घाटन किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने दिल्ली स्थित अंबेडकर सेंटर के लिए स्थान की स्वीकृति दी थी।
लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उसे बनने नहीं दिया।
जब केंद्र में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी जी की सरकार आई, तो अंबेडकर सेंटर बनकर तैयार हुआ।
कहा कि मोदी जी की सरकार ने लंदन में जहां बाबा साहब रहे थे, वहां उनकी एक स्मृति बनाई, दिल्ली में उनके निवास स्थान पर स्मृति स्थापित की, नागपुर की दीक्षा भूमि और मुंबई की चैत्य भूमि में भी स्मृतियाँ बनाई।
जबकि कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब की स्मृतियाँ बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए, केवल अड़चनें डालीं जबकि देशभर में नेहरू, इंदिरा गांधी, संजय गांधी और राजीव गांधी के नाम पर सैकड़ों स्मारक, अस्पताल और सड़कों के नाम रख दिए गए।
कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एडविना माउंटबेटन को पत्र लिखकर बाबा साहब अंबेडकर के कैबिनेट में न रहने की खुशी जाहिर की थी।
ऐसी सोच और चरित्र वाली कांग्रेस पार्टी आज बाबा साहब के सम्मान की बात कर रही है, जो एक बहुत ही शर्मनाक स्थिति है।
कांग्रेस पार्टी को अपना यह ढोंग बंद करना चाहिए।
जिस तरह से पंडित नेहरू और कांग्रेस के नेताओं ने बाबा साहब अंबेडकर के साथ बदसलूकी की।
और उनका अपमान किया, जिसके साक्ष्य भी मौजूद हैं, उसके लिए कांग्रेस को बिना शर्त माफी मांगी मांगनी चाहिए।
कहा कि कांग्रेस पार्टी माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के भाषण एक बहुत ही छोटे से अंश को बिना किसी संदर्भ के प्रस्तुत कर, खुद के लिए राजनीति करने का एक मुद्दा बनाने का प्रयास कर रही हैं।
देश की जनता बहुत परिपक्व है और सब समझती है। ऐसा करके कांग्रेस की दाल नहीं गलने वाली है।
कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब को तो भारत रत्न, पद्म भूषण या पद्मश्री नहीं दिया, लेकिन बाबा साहब अंबेडकर को चुनाव में हराने वाले नारायण सदोबा काजरोलकर को 1970 में पद्म भूषण देकर सम्मानित किया। काजरोलकर के पक्ष में पंडित नेहरू ने भी प्रचार किया था।
ये है कांग्रेस की असली हकीकत।
कहा कि भाजपा कांग्रेस पार्टी का बाबा साहब अंबडेकर के खिलाफ नफरती सोच का पूरा काला चिट्ठा जनता के सामने रखेगी।
बाबा साहब देश के विभाजन के पक्ष में नहीं थे, धारा 370 थोपने के भी पक्ष में नहीं थे।
पूर्वी बंगाल में हिंदुओं पर हुए अत्याचारों पर भी बाबा साहब अंबेडकर ने टिप्पणी की थी।
कहा कि भाजपा का मानना है कि देश को बनाने में जिसने भी ईमानदारी से अपना योगदान दिया, उन सभी लोगों का सम्मान होना चाहिए जबकि कांग्रेस पार्टी केवल एक परिवार के यशोगान में ही लगी रहती है।
भाजपा अपने धुर विरोधियों का भी सम्मान करती है, क्योंकि उन लोगों ने अपने तरीकों से देश को बनाने का प्रयास किया लेकिन कांग्रेस के लिए बस एक परिवार ही सब कुछ है।
कहा कि भाजपा ने बाबा साहब और सरदार पटेल जी को जो सम्मान दिया, वह सर्वविदित है।
सरदार पटेल जी की मृत्यु 1950 में हो गई थी, मगर उन्हें भारत रत्न 42 वर्ष बाद, 1991 में दिया गया।
मौलाना आजाद की मृत्यु 1959 में हुई, लेकिन उन्हें भारतरत्न 1992 में दिया गया।
1991 में भारत के प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव जी थे। अगर तब गांधी परिवार का कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री होता, तो इन सभी को भारत रत्न देने का काम भी अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार को ही करना पड़ता।
अबुल कलाम आजाद और सरदार पटेल, नेहरू जी के विरोधी थे इसलिए कांग्रेस ने उनका सम्मान नहीं किया।
और यही रवैया बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के साथ भी अपनाया गया।
ये है राहुल गांधी के परिवार का इतिहास।
कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी द्वारा किये गए बाबा साहब के अपमान का तमगा लेकर चल रहे हैं। राहुल गांधी को यह नाटक बंद करना चाहिए।