अगले महीने शुरू हो जाएगी नए एमजीएम अस्पताल में ओपीडी सेवा : मंत्री बन्ना गुप्ता
JAMSHEDPUR : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने आज डिमना में बन रहें एमजीएम अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्था का जायजा लिया।
उनके साथ डीसी अनन्य मित्तल भी उपस्थित रहें!
इस दौरान मंत्री बन्ना गुप्ता ने सभी चीजों का बारीकी से निरीक्षण करते हुए बाधा में आ रही कठिनाई को दूर करने का निर्देश डीसी को दिया!
निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अक्टूबर महीने से एमजीएम अस्पताल में ओपीडी सेवा शुरू हो जाएगी और मरीजों को लाभ मिलना शुरू हो जायेगा!
उन्होंने बताया कि बिजली और पानी की समस्या को दूर करने हेतु विशेष निर्देश डीसी को दिया हूँ।
साथ ही 5 करोड़ रूपये का अनकेटेगरी फंड भी अस्पताल को दिया गया है जिससे जरूरत के संसाधनों का उपयोग इस फंड के तहत किया जा सकेगा!
उन्होंने कहा कि अपने शासनकाल में भाजपा ने कभी एमजीएम अस्पताल की सुधी नहीं ली, लेकिन आज सवाल उठा रहें है ये बिल्कुल हास्यास्पद हैं!
उन्होंने बताया कि एक तरफ नए एमजीएम अस्पताल में ओपीडी सेवा शुरू की जाएगी।
जिसमें बेहतर चिकित्सक अपनी सेवा देंगे साथ ही 100 बेड का सीसीयू, कैथ लैब, आधुनिक मौर्चरी समेत 731 बेड का आधुनिक सुविधाओं के साथ बनने वाले अस्पताल में 131 बेड आईसीयु के होंगे!
दूसरी तरफ साकची में भी 500 बेड का नया अस्पताल बनने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा हैं।
पुरानी बिल्डिंग में बना अस्पताल उस समय के जरूरत के हिसाब से बना था लेकिन अब क्षमता बढ़ाने की जरूरत हैं।
संसाधन और आबादी के हिसाब से नए भवन का निर्माण जल्द पूरा हो जायेगा जिससे मरीजों को बेड ना मिलने जैसी समस्या दूर हो जाएगी और विरोधियों का मुँह बंद हो जायेगा!
उन्होंने कहा कि डिमना स्थित नए एमजीएम अस्पताल परिसर में ही 100 बेड के सीसीयू केयर यूनिट के कार्य की शुरुआत भी कुछ दिनों में हो जाएगी!
मंत्री बन्ना गुप्ता ने विरोधियों पर प्रहार करते हुए कहा कि मानगो की जनता की दो प्रमुख समस्या थी एक बेहतर अस्पताल और दूसरा सड़क जाम, मैंने दोनों समस्याओ के लिए कार्य योजना बनाई और एक तरफ एमजीएम अस्पताल बनकर तैयार हैं।
दूसरी तरफ मानगो फ्लाईओवर निर्माण कार्य प्रगति पर हैं, अब विरोधियों के पास कुछ नहीं हैं तो अर्नगनल बयान देकर मीडिया की सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं।
बेहतर होता कि भाजपा वाले अपने शासनकाल की समीक्षा करते की उन्होंने एमजीएम अस्पताल में सुधार के लिए क्या किया?