असीम आस्था, पवित्रता, आत्मानुशासन, स्वच्छता और प्रकृति पूजा का प्रतीक है यह महापर्व: मुख्यमंत्री

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 हेमन्त सोरेन हटनिया तालाब छठ घाट पर परिजनों संग आम श्रद्धालु के रूप में पहुंचे,

मुख्यमंत्री ने छठी मईया से राज्य की उन्नति और राज्यवासियों के सुख -समृद्धि, खुशहाली, शांति और निरोग जीवन की प्रार्थना की

RANCHI: भगवान भास्कर को समर्पित लोक आस्था और उपासना के महापर्व छठ की महिमा ऐसी है कि श्रद्धा और भक्ति- भाव में हर कोई समाहित हो जाता है।

आम हो या खास, सभी पवित्रता के बंधन में बंध जाते हैं। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन भी अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कल्पना सोरेन और दोनों पुत्रों के साथ हटनिया तालाब घाट पर एक आम श्रद्धालु के रूप में हजारों श्रद्धालुओं के बीच पहुंचे।

उन्होंने यहां न्यू पुलिस लाइन निवासी और दैनिक मजदूरी करने वाले श्री मनोज शाह की धर्मपत्नी और व्रतधारी श्रीमती अलका देवी तथा रेस्टोरेंट में वेटर का काम करने वाले  मनोज कुमार की धर्मपत्नी अनिता देवी (व्रतधारी) के परिजनों के साथ अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रतधारी का आशीर्वाद लिया।

मुख्यमंत्री ने इस पावन अवसर पर छठी मईया से राज्य की उन्नति और राज्यवासियों के सुख -समृद्धि, खुशहाली, शांति और निरोग जीवन की प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महापर्व छठ की अलौकिक परंपरा निभाने की संस्कृति सदियों से चली आ रही है। इस महापर्व में सभी तरह के फासले मिट जाते हैं।

छठी मईया के लिए हर कोई समर्पित भाव से अपनी सेवा देता है। व्रतधारी 36 घंटे का निर्जला उपवास रखकर भगवान भास्कर की उपासना करते हैं।

यह महापर्व असीम आस्था, पवित्रता, आत्मानुशासन, स्वच्छता और प्रकृति पूजा का प्रतीक है ।

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