फिल्म ‘सजनी शिंदे का वायरल वीडियो’ ,फिल्म में समाज को झकझोरने वाली सच्चाई
नई दिल्ली (New Dehli) । फिल्म ‘सजनी शिंदे का वायरल वीडियो’ का। यह एक क्राइम थ्रिलर जॉनर की फिल्म है। दो घंटे की इस फिल्म को दैनिक भास्कर ने 5 में से 3.5 स्टार रेटिंग दी है। यह फिल्म मैडॉक प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी है। दिनेश विजान इसके प्रोड्यूसर हैं। सोशल मीडिया का दुष्प्रभाव कितना बढ़ गया है। लोग इसके मकड़जाल में कैसे फंस गए हैं। फिल्म की स्टोरी लाइन इसी पर बेस्ड है।
फिल्म की कहानी क्या है?
सजनी शिंदे (राधिका मदान) एक स्कूल टीचर है। उसकी शादी होने वाली है, लेकिन इसी बीच उसका एक MMS वायरल हो जाता है। वीडियो के वायरल होने से शर्मिंदा सजनी अचानक से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर गायब हो जाती है।
इस पोस्ट में वो अपने पिता और मंगेतर पर इल्जाम लगाती है। मामले की जांच के लिए पुलिस लग जाती है। शक की सुइयां कई लोगों पर जाती नजर आती हैं। अब असल में सजनी का गुनहगार कौन है और वो जिंदा है भी या नहीं, फिल्म की कहानी इसी तरफ रुख करती है।
स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?
सजनी शिंदे के किरदार में राधिका मदान, उनके पिता सूर्यकांत शिंदे के रोल में सुबोध भावे और तेज तर्रार पुलिस अफसर बेला बरोट के किरदार में निमरत कौर ने अपने रोल में जान डाल दी है। इन तीनों की डायलॉग डिलीवरी उम्दा है। भाग्यश्री और सोहम मजूमदार का काम भी ठीक है। बाकी के सपोर्टिंग एक्टर्स का काम भी अच्छा है।
फिल्म का डायरेक्शन कैसा है?
अपनी पहली ही फिल्म रॉन्ग साइड राजू से नेशनल अवॉर्ड जीतने वाले मिखिल मुसाले ने फिल्म का डायरेक्शन किया है। मिखिल ने अपनी अनूठी स्टोरी टेलिंग के साथ फिल्म को अलग अंदाज में पेश करने की कोशिश की है।
कहानी में एक नयापन और स्क्रीनप्ले कसा हुआ होने से फिल्म आपको अंत तक बांधे रखती है। मिखिल ने हमारे समाज के कई अहम मुद्दों को एक ही धागे में पिरोकर खूबसूरती से पेश किया है। इसके डायलॉग्स, सिनेमेटोग्राफी, एडिटिंग, प्रोडक्शन डिजाइन और आर्ट डायरेक्शन सभी उम्दा हैं।
हालांकि फिल्म में मराठी डायलॉग्स की भरमार और इसका डार्क टोन दर्शकों को खटक सकता है। फिल्म जिस तरह खत्म होती है, अगर कुछ प्रभावशाली इमोशनल सीन्स और होते तो फिल्म ज्यादा दिलचस्प हो सकती थी। दो-तीन खामियों को छोड़ दें तो फिल्म कमाल की बनी है।