फिल्म, बॉक्स ऑफिस 17 साल पहले आई और बुरी तरह पिटी, लेकिन ‘अमर’ हो गया VILLAIN

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मुंबईः बॉलीवुड में जब भी विलेन की बात होती है अमरीश पुरी का नाम सबसे ऊपर आता है. अमरीश पुरी के अलावा गुलशन ग्रोवर, अमजद खान, शक्ति कपूर, प्राण, रंजीत बेदी, अजीत खान और डैनी डेंग्जोंग्पा जैसे सितारे भी बॉलीवुड के टॉप विलेन्स में शुमार हैं.
वहीं आज के दौर में भी कुछ ऐसे सितारे हैं, जो हीरो बनकर दर्शकों को इतना इंप्रेस नहीं कर पाए, जितना विलेन बनकर छाए. इन्हीं स्टार्स में से एक हैं सैफ अली खान, जिन्होंने तान्हाजी, आदिपुरुष, एक हसीना थी, लाल कप्तान और कुर्बान जैसी फिल्मों में निगेटिव रोल प्ले किये हैं, लेकिन जब वह ओमकारा में ‘ईश्वर त्यागी’ यानी ‘लंगड़ा त्यागी’ बनकर आए तो उन्हें देखकर हर कोई हैरान रह गया.

2006 में रिलीज हुई ‘ओमकारा’ में अजय देवगन, करीना कपूर, विवेक ऑबेरॉय, बिपाशा बसु, कोंकणा सेन शर्मा, नसीरुद्दीन शाह जैसे सितारे भी थे, जसमें सैफ अली खान निगेटिव रोल में दिखाई दिए थे. फिल्म में सैफ अली खान ने लंगड़ा त्यागी की निगेटिव भूमिका बखूबी निभाई थी और खूब तारीफें भी बटोरी थीं.

ओमकारा में अभिनेता की परफॉर्मेंस को आज तक उनके सबसे बेहतरीन किरदारों में गिना जाता है. साल 2006 में रिलीज हुई ओमकारा बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल तो नहीं दिखा पाई थी, लेकिन इसमें निभाया सैफ अली खान का ‘लंगड़ा त्यागी’ का किरदार जरूर अमर हो गया.

विशाल भारद्वाज के निर्देशन में बनी ‘ओमकारा’ में भले ही कमाई के मामले में पीछे रह गई थी, लेकिन सैफ अली खान की खलनायकी ने दर्शकों को हैरान कर दिया था. फिल्म में निगेटिव किरदार निभाने के लिए सैफ अली खान ने ना सिर्फ अपना सिर मुंडवा लिया था, बल्कि दांतों के साथ भी एक्सपेरिमेंट किया था. इसके अलावा लंगड़ा त्यागी के किरदार के लिए सैफ ने अपनी बॉडी लैंग्वेज पर भी बहुत काम किया था, जिसकी झलक इस फिल्म में साफ नजर आती है.

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि सैफ अली खान इस किरदार के लिए मेकर्स की पहली पसंद थे ही नहीं. जी हां, मेकर्स पहले लंगड़ा त्यागी के रोल में बॉलीवुड के खूंखार विलेन अमजद खान को लेना चाहते थे. जो शोले में अपने गब्बर के किरदार से दर्शकों को डरा चुके थे. अमजद खान जब फिल्म का हिस्सा नहीं बन पाए तो उन्होंने फिल्म में आमिर खान को लेने का प्लान बनाया. लेकिन, बाद में ये रोल सैफ अली खान के हाथ लगा.

ओमकारा भले ही बॉक्स ऑफिस पर खास कमाल नहीं दिखा पाई. लेकिन, इसकी कहानी और गाने दर्शकों के बीच हिट रहे थे. ‘बीड़ी जलई ले’ और ‘नमक इश्क का’ खूब हिट हुआ था. दोनों गाने बिपाशा बसु पर फिल्माए गए थे. शादी-पार्टी में तो आज भी ये गाने हलचल मचाते रहते हैं. ओमकारा ने फिल्म फेयर में भी कई अवॉर्ड अपने नाम किए थे.

इतना ही नहीं मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, शनिवार को भी बेंगलुरु में बारिश होगी. अनुमान तो ये है कि सुबह के वक्त जब मैच शुरू होगा, तब धूप रहेगी लेकिन दोपहर 2 बजे के करीब बारिश का दखल हो सकता है. कुछ देर की बारिश के बाद राहत जरूर मिलेगी. फिर 5 बजे फिर से आसमान से पाकिस्तान की किस्मत पर पानी फिर सकता है. ऐसे में अगर बारिश के कारण मैदान पर असर पड़ता है तो मैच को रद्द करना पड़ सकता है.

मैच के लिए नहीं है रिजर्व-डे

अब सबसे बड़ी बात ये है कि लीग स्टेज का मैच होने के कारण इसके लिए किसी तरह के रिजर्व दिन की व्यवस्था नहीं है. हालांकि अंपायरों की कोशिश होगी कि कम से कम 20-20 ओवरों का मुकाबला हो सके. अगर ऐसा नहीं होता है तो मैच रद्द हो जाएगा और दोनों टीमों को 1-1 पॉइंट मिलेगा. न्यूजीलैंड को इससे थोड़ा नुकसान होगा लेकिन 9 पॉइंट होने और आखिरी मैच बचा होने के कारण उसकी उम्मीदें जिंदा रहेंगी. वहीं मैच रद्द होते ही पाकिस्तान के लगभग सारे दरवाजे बंद हो जाएंगे.

फिर कैसे पहुंचेगा पाकिस्तान?

हालांकि पाकिस्तान के पास एक आखिरी मौका रहेगा लेकिन उसके लिए सबकुछ उसके पक्ष में होना जरूरी है. पहले तो ऑस्ट्रेलिया अपने तीनों मैच हार जाए, जो इंग्लैंड, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से हैं. फिर ये भी जरूरी है कि श्रीलंका बांग्लादेश से हार जाए लेकिन न्यूजीलैंड को बड़े अंतर से हरा दे. फिर अंत में पाकिस्तान को खुद इंग्लैंड को बड़े अंतर से हराना होगा ताकि नेट रनरेट बेहतर हो जाए. अगर ये सारे नतीजे निकलते हैं तो सेमीफाइनल में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के 9-9 पॉइंट्स रहेंगे और NRR में वो न्यूजीलैंड से आगे निकल सकता है. ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 8 पॉइंट्स के साथ बाहर हो जाएगा, जबकि भारत और साउथ अफ्रीका के अलावा पाकिस्तान और अफगानिस्तान सेमीफाइनल में होंगे.

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