राज्यपालों को आपराधिक अभियोजन से छूट देने वाले प्रावधान की समीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार

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नई दिल्ली। राज्यपालों को आपराधिक अभियोजन से छूट देने वाले संवैधानिक प्रावधान की समीक्षा करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जता दी है। संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपाल को आपराधिक अभियोजन से छूट मिली हुई है। कोर्ट ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली महिला कर्मचारी की याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट मामले से निपटने में अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि से सहयोग करने को कहा। कोर्ट ने बंगाल राजभवन की महिला कर्मचारी से कहा कि वह अपनी याचिका में केंद्र को भी पक्षकार बनाए। दरअसल महिला ने राज्यपाल पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।

भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करने पर सहमति जताई। यह अनुच्छेद संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का अपवाद है और प्रावधान करता है कि राष्ट्रपति या राज्यपाल अपने पद के तहत प्राप्त शक्तियों के इस्तेमाल और कर्तव्यों के लिए किसी भी अदालत के प्रति जवाबदेह नहीं हैं। महिला याचिकाकर्ता ने राज्यपालों को आपराधिक अभियोजन से छूट प्रदान करने के संबंध में विशिष्ट दिशा-निर्देश तैयार करने के निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया है।

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