एनसीइआरटी व सैंपल पेपर्स में करें फोकस: डॉ. राम सिंह
सीबीएसई -सीआईएससीई की 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी
टाइम मैनेजमेंट आवश्यक
परीक्षार्थी अपनी तैयारी को फाइनल टच देने में लगे
RANCHI: कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा संभावित फरवरी-मार्च माह में शुरू होगी।
परीक्षार्थी अपनी तैयारी को फाइनल टच देने में लगे हुए है। ऐसे में शेष माह उन विद्यार्थियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जिन्हें सीबीएसई, सीआईएससीई एवं जैक के वर्ष 2025 की बोर्ड परीक्षा में शामिल होना है।
एक ओर विद्यार्थी बेहतर अंक लाने के लिए वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
वहीं, दूसरी ओर उसके माता पिता अपने बच्चों से टॉपर की उम्मीद लगाए बैठे है।
परिवार की महत्वाकांक्षा इस कदर हावी हो जाती कि डर के साये में विद्यार्थी अपने संतुलन खोने लगते है।
परिजनों को चाहिए कि वे अपने बच्चों के मन में डर पैदा ना करे बल्कि सकारात्मक सोच के साथ उन्हें प्रेरित करे। परीक्षार्थी कोचिंग सेंटरों के अलावा गैस पेपर और अनसॉल्वड पेपर्स, नोट्स आदि के सहारे परीक्षा में अच्छे नंबर लाने की तैयारी में हैं।
परीक्षा की तैयारी कर अच्छे नंबर ला सकें इसके लिए विविध विषयों से संबंधित शिक्षक या विशेषज्ञों की राय विद्यार्थी ले रहे है।
इसी कड़ी में टाइम मैनेजमेट कैसे करे, एक दिन में कम से कम कितने घंटे पढ़ाई करे, जिससे की विद्यार्थी परीक्षा में बेहतर परिणाम ला सकें। इसके लिए प्राचार्य ने अपनी राय दी है।
डीपीएस रांची के पूर्व प्राचार्य सह मथुरा रोड नई दिल्ली के प्राचार्य डॉ. राम सिंह ने बताया कि वर्तमान में जो समय शेष रह गया उसमें जमकर तैयारी करें।
एनसीइआरटी की किताबों को आधार बनाकर तैयारी करें।
सैंपल पेपर्स पर फोकस करें। विद्यार्थियों को पढ़ने के साथ लिखने पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
परीक्षा में सवालों के उत्तर के लिए शब्द निर्धारित रहते है। सवालों के उत्तर निर्धारित शब्द में लिखने का प्रयास सुनिश्चित करें।
सीबीएसई के बेबसाइट से टॉपर विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिका को देखने से सवालों के उत्तर लिखने के तरीके मालूम चलेगा। अधिकांश स्कूलों में प्री-बोर्ड संचालित होने वाली है। प्री-बोर्ड परीक्षाओं में भी प्रश्नपत्र बनाने के लिए इन सैंपल पेपर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
समय प्रबंधन और नियमित अभ्यास ही सफलता का सर्वश्रेष्ठ सूत्र है : फादर फुलदेव सोरेंग
संत जेवियर्स स्कूल डोरंडा के प्राचार्य फादर फुलदेव सोरेंग ने कहा 2025 की बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखते हुए सिलेबस लगभग 80 प्रतिशत पूरा हो गया है।
बाकी का सिलेबस भी नवंबर के आखिरी सप्ताह तक पूरा हो जाएगा।
इसके बाद प्री बोर्ड परीक्षा और प्रैक्टिकल परीक्षा दिसंबर – जनवरी में होगी।
इस बार भी काउन्सिल ने कुछ पैटर्न में फेरबदल करते हुए नए स्पेसिमेन पेपर जारी किया है।साथ ही मार्किंग स्कीम भी दिया है जिस से बच्चों को ये पता चले की परीक्षा में उत्तर कैसे लिखना है।
यह पेपर वास्तविक परीक्षा पेपर की तरह ही डिजाइन किए जाते हैं, जिसमें प्रश्नों का पैटर्न, प्रश्नों की संख्या और अंकन योजना शामिल होती है।
इनका उद्देश्य प्रश्नों के प्रकार से परिचित होना हैं, जिनमें वस्तुनिष्ठ, लघु उत्तर और दीर्घ उत्तर प्रश्न शामिल हैं।
अभ्यास के साथ छात्र परीक्षा में आने वाले प्रश्नों के प्रकार से परिचित हो जायेंगे।
परीक्षा के दौरान छात्रों के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक समय का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करना होता है। समयबद्ध पेपरों के साथ अभ्यास करके और अपने समय को प्रभावी ढंग से आवंटित करना सीखकर छात्र अपनी समय प्रबंधन कौशल में सुधार कर सकते हैं।
नियमित अभ्यास करके छात्र अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं और परीक्षा की चिंता को कम कर सकते हैं। जितना अधिक वे अभ्यास करेंगे, उतना ही अधिक आरामदायक वे परीक्षा प्रारूप के साथ महसूस करेंगे।
इस बार काउन्सिल ने विभिन्न विषयों के लिए कम्पेटेन्सी बेस्ड क्वेश्चन भी वेबसाइट पर अपलोड किया है।
बच्चों को कॉम्पिटीसी-बेस्ड यानी योग्यता-आधारित सवालों का भी अभ्यास भी करना चाहिए।
इन सवालों में ऑब्जेक्टिव टाइप, प्रतिक्रिया पर आधारित, रीज़निंग, और केस पर आधारित सवाल पूछे जाते हैं।
ये सवाल, छात्रों को वास्तविक जीवन के संदर्भ में अपने ज्ञान का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत, कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में कॉम्पिटीसी-बेस्ड सवाल पूछे जाते है।
अभिभावक परीक्षा के दौरान अपने बच्चों को प्रेरित करे ना की अपनी महत्वाकांक्षा उन पर थोपे।