मत्स्य कृषकों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए विभागीय प्रयास सराहनीय : अलका तिवारी
मुख्य सचिव ने किया झारखंड पवेलियन में मत्स्य निदेशालय के स्टॉल का अवलोकन
जलाशयों मे केज कल्चर और में मोती उत्पादन की विधियों से अवगत हुए लोग
NEW DELHI: नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित 15 दिवसीय भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ -2024) के झारखंड पवेलियन में मत्स्य निदेशालय का स्टॉल दर्शकों/आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
स्टॉल पर प्रदर्शित जलाशयों में मोती की खेती और केज कल्चर से मत्स्य पालन की विधि से लोग अवगत हो रहे हैं।
मत्स्य निदेशालय के अधिकारियों के मुताबिक अब तक हजारों की संख्या में लोग मत्स्य निदेशालय के स्टॉल का अवलोकन कर चुके हैं।
इंडियन इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में अब तक भारत सरकार और झारखंड सरकार में पदस्थापित वरिष्ठ पदाधिकारी, राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के सचिव व अन्य अधिकारी सहित काफी संख्या में केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारीगण स्टॉल का अवलोकन कर चुके हैं।
झारखंड में केज कल्चर से मत्स्य पालन की विधि और जलाशयों में मोती उत्पादन के तरीके लोगों के लिए कौतूहल का केंद्र बना हुआ है।
गुरुवार को झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने मत्स्य निदेशालय के स्टॉल का अवलोकन किया।
उन्होंने झारखंड में मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में किए जा रहे हैं कार्यों की जानकारी प्राप्त की।
श्रीमती तिवारी ने मछली उत्पादन में झारखंड राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निदेशालय के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने विभागीय योजनाओं की अद्यतन स्थिति की भी जानकारी ली।
वहीं, स्टॉल पर मौजूद मत्स्य विभाग के अधिकारियों व कर्मियों का उन्होंने उत्साहवर्धन किया।
इस अवसर पर उप मत्स्य निदेशक संजय कुमार गुप्ता, सहायक मत्स्य निदेशक (तकनीकी) रेवती हांसदा, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी रजनी गुप्ता, एसपीएम दुर्गेश कुमार मिश्र, डीपीएम (प्रोजेक्ट इम्पलीमेंट यूनिट) आशीष तिर्की सहित
काफी संख्या में दर्शक उपस्थित थे।