लोकसभा चुनाव में AAP का क्या होगा? ‘केजरीवाल की गिरफ्तारी का कितना असर’, समझें समीकरण
नई दिल्ली । अरविंद केजरीवाल जेल में हैं और आम आदमी पार्टी का लोकसभा चुनाव में क्या होगा, ये सवाल अब भी बरकरार है। केजरीवाल की पार्टी के एकमात्र लोकसभा सांसद सुशील कुमार रिंकू भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो चुके हैं।
हालांकि केजरीवाल की पार्टी को इस बात का भरोसा है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी को चुनावी फायदा होगा।
या फिर निकल जाएगी आम आदमी पार्टी की हवा?
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाकर राजनीति में आए अरविंद केजरीवाल खुद भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार हो गए हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी से क्या आम आदमी पार्टी और मजबूत होगी या फिर AAP की हवा निकल जाएगी? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि चुनाव में केजरीवाल की गिरफ्तारी का मुद्दा विपक्षी दलों और सत्ताधारी भाजपा दोनों ही तरफ से उठाया जा रहा।
केजरीवाल के समर्थकों ने अपनी कमर कस ली है और सड़कों पर उतर आए हैं, तो वहीं भाजपा केजरीवाल को लगातार निशाना साध रही है। दिल्ली की मंत्री आतिशी ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को फायदा होगा क्योंकि पार्टी को काफी सहानुभूति मिल रही है। आतिशी ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए कहा कि देश के लोकतांत्रिक इतिहास में ऐसा ‘पहले कभी नहीं देखा गया।’
आतिशी का दावा- गिरफ्तारी से हो आप को फायदा
आतिशी ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘अच्छी बात यह है कि इससे हमें चुनावी तौर पर फायदा हुआ है।’ मंत्री ने कहा, ‘केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले लोकसभा चुनाव का नतीजा तय माना जा रहा था क्योंकि लोगों का मानना था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत होगी, लेकिन केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद, हमारे प्रति जनता की सहानुभूति बढ़ी है। केवल एक भावना है कि भाजपा ने अति कर दी है। इसलिए, मुझे लगता है कि इससे हमें चुनावी फायदा हुआ है।’
उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव ‘जनता बनाम भाजपा’ का बन गया है। आतिशी ने कहा, ‘यह चुनाव बहुत अलग तरह का चुनाव होने वाला है। यह अब आप बनाम भाजपा या ‘इंडिया’ गठबंधन बनाम भाजपा का चुनाव नहीं है। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद, यह जनता बनाम भाजपा चुनाव बन गया है।’ ईडी ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 21 मार्च को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में एक अदालत ने केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया Le।
लोकसभा चुनाव पर गिरफ्तारी का कितना असर?
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी लोकसभा चुनाव 2024 पर खासा प्रभाव डाल सकती है। देश में आचार संहिता लागू है, 7 चरणो में लोकसभा चुनाव होने हैं। 19 अप्रैल को पहले चरण के लिए वोटिंग होगी, ऐसे में प्रवर्तन निदेशालय का ये एक्शन केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और विपक्ष के लिए फायदा और नुकसान दोनों ही पहुंचा सकती है।
जेल जाने से आप को फायदा या नुकसान?
सभी विपक्षी दल खुलकर अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं। तो वहीं भाजपा और NDA में शामिल पार्टियां केजरीवाल के पोल खुलने का दावा कर रही हैं। सवाल यही है कि अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से आगामी लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को नुकसान होगा या फायदा? आपको दोनों ही संभावनाएं बताते हैं। देश की सियासत में भावनात्मक दृष्टिकोण की काफी अहमियत है। इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों में देखा गया था कि कांग्रेस के प्रति लोगों ने कैसे सहानुभूति दिखाई।
अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से आम आदमी पार्टी निश्चित तौर पर चुनाव में सहानुभूति बंटोरने की कोशिश करेगी, जिसका असर चुनावी परिणाम में देखा जा सकता है। हालांकि इसका एक दूसरा छोर भी है, केजरीवाल को भ्रष्ट बताकर भाजपा आम आदमी पार्टी पर जमकर प्रहार कर रही है। लोगों में अगर ये स्पष्ट संदेश जाता है कि केजरीवाल ही इस कथित आबकारी घोटाले के मास्टरमाइंड हैं, तो आम आदमी पार्टी को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
किन राज्यों में आप को हो सकता है नफा-नुकसान?
दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से आम आदमी पार्टी 4 और कांग्रेस 3 सीट पर चुनाव लड़ रही है। ऐसे में यदि लोगों की सहानुभूति हासिल करने में आम आदमी पार्टी सफल रही, तो इसका लाभ चुनावी नतीजों में कांग्रेस को भी पहुंच सकता है। हालांकि यदि सभी सीटों पर एक बार फिर भाजपा ने जीत दर्ज कर ली तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी। वहीं पंजाब की सभी 13 सीटों पर आम आदमी पार्टी अकेले चुनाव लड़ रही है, कांग्रेस और आप इस राज्य में आमने-सामने हैं। ऐसे में पंजाब में यदि आप के प्रति लोगों की संवेदना जाग उठी तो आप यहां ज्यादा से ज्यादा सीटें जीत सकती है। हालांकि दो सहयोगी पार्टी के बीच टक्कर का केजरीवाल की AAP को नुकसान भी हो सकता है।
आम आदमी पार्टी इस कोशिश में होगी कि केजरीवाल की गिरफ्तारी का मुद्दा भुनाकर लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल कर ले। एक ओर लोकसभा चुनाव, तो दूसरी ओर केजरीवाल की गिरफ्तारी, यदि AAP ने इस मुद्दे को सही तरीके से उठाया तो ये उसका उत्थान तय हो सकता। सवाल ये है कि क्या इस गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल और बड़े नेता के रूप में उभर जाएंगे?