यूपी में इंडिया गठबंधन को बड़ी कामयाबी, सपा और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग पर बनी बात
नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो गया है। शनिवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी ओर से इसका ऐलान कर दिया। सपा ने कांग्रेस को 11 सीटें दी हैं। हालांकि कांग्रेस की ओर से इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे पहले यूपी में सपा और रालोद का गठबंधन हुआ था। जिसके तहत रालोद को 7 सीटें दी गईं हैं। उनके गठबंधन में चंद्रशेखर रावण को भी सीटें देने की चर्चा चल रही है।
11 सीटों पर सहमति बनने का दावा
शनिवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर लिखा कि, कांग्रेस के साथ 11 मज़बूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है… ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा। ‘इंडिया’ की टीम और ‘पीडीए’ की रणनीति इतिहास बदल देगी। हालांकि यह अभी तक साफ नहीं हुआ है कि, कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व की सहमति से यह निर्णय हुआ है यह फिर अखिलेश की तरफ से इसका ऐलान किया गया है।
कांग्रेस के साथ 11 मज़बूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है… ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा।
‘इंडिया’ की टीम और ‘पीडीए’ की रणनीति इतिहास बदल देगी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 27, 2024
इसी बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अखिलेश यादव की ओर से किए गए ऐलान पर कहा, ‘अखिलेश यादव जी का ये जो ट्वीट आया है इस पर मुकुल वासनिक जी के नेतृत्व में बनी कमेटी निर्णय ले रही है। बहुत ही सकारात्मक और बहुत ही अच्छे वातावरण में बातचीत चल रही है और इसका परिणाम बहुत ही जल्द मजबूत आने वाला है।
अखिलेश यादव के फैसले से कांग्रेस पार्टी अहसमत
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अखिलेश यादव की पोस्ट पर प्रतिक्रया दी है। उन्होंने कहा कि बातचीत अभी भी जारी है। तस्वीर साफ होने के बाद हम घोषणा कर सकेंगे। वहीं मीडिया में इस तरह की भी खबरें चल रही हैं कि, अखिलेश यादव के फैसले से कांग्रेस पार्टी अहसमत है। कहा जा रहा है कि यह फैसला अखिलेश यादव का है न कि कांग्रेस का। कांग्रेस एसपी से बड़ी संख्या में सीटें मांग रही है, लेकिन अखिलेश इसके लिए तैयार नहीं थे।
आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ कोई औपचारिक गठबंधन नहीं था, लेकिन अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी ने रायबरेली और अमेठी सीटों पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था। इस चुनाव में कांग्रेस यूपी की 80 सीटों में से 67 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। जिसमें कांग्रेस सिर्फ एक सीट जीत सकी थी।