कांग्रेस का आंध्र प्रदेश में बड़ा बदलाव, हाल ही में आई वाईएस शर्मिला को पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी
नई दिल्ली । लोकसभा और आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को हाल ही लगातार दो बड़े झटके लगे। पहले, कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने साथ छोड़ा। फिर, आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष पद से गिदुगु रुद्र राजू ने इस्तीफा दे दिया। ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी ने आंध्र प्रदेश में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी ने वाई एस शर्मिला रेड्डी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। बता दें, शर्मिला सीएम जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं। गौरतलब है, वाईएस शर्मिला इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस में शामिल हुई थीं। दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा था।
पार्टी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस बात की जानकारी दी। पार्टी ने बताया, ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने वाईएस शर्मिला रेड्डी को तत्काल प्रभाव से आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है। वहीं, राजू को कांग्रेस कार्यसमिति का विशेष आमंत्रित सदस्य नियुक्त किया गया है।’
पहले से तय था अध्यक्ष बनना
पहले से ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस शर्मिला को आंध्र प्रदेश की कमान सौंप सकती है। दरअसल, आंध्र प्रदेश के कांग्रेस तत्कालीन अध्यक्ष राजू ने 15 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। ये इस्तीफा आलाकमान के इशारे पर हुआ था। पार्टी ने पहले ही शर्मिला की ताजपोशी की स्क्रिप्ट लिख ली थी।
खरगे से की मुलाकात
आंध्र प्रदेश में कांग्रेस नेताओं को पिछले साल नवंबर में तेलंगाना विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत के बाद राज्य में पार्टी की संभावनाओं की उम्मीद है। कांग्रेस ने तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति को सत्ता से बेदखल कर दिया। आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ होंगे, जो इस साल अप्रैल-मई में संभावित हैं। कांग्रेस में शामिल होने के बाद शर्मिला ने पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की।
जाना माना चेहरा है वाईएस शर्मिला
शर्मिला राजनीतिक परिवार से हैं और आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की राजनीति का जाना-माना चेहरा हैं। उनके पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी अविभाजित आंध्र प्रदेश के सबसे बड़े नेताओं में शामिल थे। वाईएस शर्मिला ने हाल ही में हुए तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी। उन्होंने चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाले भारत राष्ट्र समिति (BRS) के कथित भ्रष्ट और जनविरोधी शासन को खत्म करने के लिए कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही थी।