महाराष्ट्र में बीजेपी को बड़ा झटका, सांसद उन्मेष पाटिल उद्धव की शिवसेना में हुए शामिल
मुंबई । उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद उन्मेष पाटिल आगामी लोकसभा चुनाव के लिए टिकट काटे जाने के बाद बुधवार को विपक्षी शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) में शामिल हो गए। पाटिल अपने समर्थकों के साथ पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ पर शिवसेना-यूबीटी में शामिल हुए।
शिवसेना को मजबूती मिलेगी
शिवसेना-यूबीटी के सांसद संजय राउत ने कहा कि पाटिल के पार्टी में शामिल होने से जलगांव और उत्तर महाराष्ट्र में पार्टी की संभावनाओं को मजबूती मिलेगी और उसकी जीत आसान होगी। भाजपा ने जलगांव संसदीय क्षेत्र से पाटिल की जगह स्मिता वाघ को अपना उम्मीदवार बनाया है। पाटिल ने मंगलवार को यहां राउत से मुलाकात की थी, जिसके बाद उनके इस राजनीतिक कदम को लेकर अटकलें तेज हो गईं थीं। महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीट हैं। उन्मेश पाटिल एक निष्ठावान भाजपा कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते थे। पाटिल के शिव सेना में आने से उत्तर महाराष्ट्र में शिव सेना को मजबूती मिलेगी
सांसद उन्मेश पाटिल का बयान
शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे में शामिल होने के बाद सांसद उन्मेश पाटिल ने कहा, ”आज मैं महाराष्ट्र के स्वाभिमान को जगाकर भारत को मराठी तीर दिखाने वाले उद्धव ठाकरे की शिवसेना में प्रवेश कर रहा हूं। चूंकि मैं बीजेपी छोड़कर ठाकरे ग्रुप में शामिल हो रहा हूं, इसलिए कई लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि क्या आप नामांकन नहीं मिलने से नाराज हैं? मैं सभी को यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि विधायक, सांसद बनना राजनीति में मेरा एकमात्र लक्ष्य नहीं था। मैं बहुत अच्छे इरादे से काम कर रहा था। लेकिन जब हम विधायक थे तो राजनीति में काम करते हुए हमने सरकारी योजनाओं का जो पैटर्न देखा, उसे हम चालीसगांव में आज देख रहे हैं. दुर्भाग्य से उसे कीमत नहीं मिली। इस बार, भले ही एक भाई ने मुझे धोखा दिया, दूसरा भाई, शिवसेना, मेरे साथ है और मुझे इस बात की खुशी है।”
मैं पाप का भागी नहीं बनना चाहता
सांसद पाटिल ने कहा कि हम तबादले की नहीं, बदलाव की राजनीति चाहते हैं। पद महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन हमारा अपमान हुआ, मुझे सम्मान नहीं चाहिए, जब किसी कार्यकर्ता का अपमान होता है तो वह भड़क जाता है। प्रदेश में विकास की जगह विनाश, बदलाव की जगह परिवर्तन की भावना पैदा की जा रही है। लेकिन मैं उस पाप का भागी नहीं बनना चाहता। यदि हमारे स्वाभिमान की रक्षा नहीं की गई, यदि बैठक नहीं बुलाई गई तो मैंने अपने स्वाभिमान को गिरवी रखने के बजाय इस लड़ाई में भाग लेने का फैसला किया है। शिवसेना ने मुझे और मेरे सभी कार्यकर्ताओं को जगह दी है।मैं इसके लिए उद्धव ठाकरे को धन्यवाद देता हूं।