बजट से पहले हुई सवदलीय बैठक, विपक्ष ने नीट-डिप्टी स्पीकर-कांवड़ रूट पर पहचान जैसे मुद्दे उठाए
नई दिल्ली. संसद सत्र के सोमवार को शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई. बैठक में कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार के निर्देश और विशेष राज्य के दर्जे की मांग का मुद्दा छाया रहा. कांग्रेस से गौरव गोगोई, आप से संजय सिंह, सपा से रामगोपाल यादव, एआईएमआईएम से असदुद्दीन ओवैसी और बाकी दलों के नेताओं ने कावंड़ यात्रा के दौरान नेम प्लेट लगाने के योगी सरकार के फैसले को जोरशोर से उठाया.
सर्वदलीय बैठक से बाहर आने के बाद एनसीपी (अजित पवार) गुट के सांसद प्रफुल्ल पटेल ने मीडिया से कहा, कांवड़ यात्रा पर योगी सरकार द्वारा लिए गए फैसले (दुकानों पर नेमप्लेट लगाने वाले) को वापस लेने की मांग की. ओवैसी ने बैठक में जम्मू-कश्मीर आतंकी हमले, बजट में अल्पसंख्यकों के हितों का ध्यान और फिलिस्तीन के झंडे लहराने पर यूपी समेत कुछ राज्यों में हुई गिरफ्तारी का मामला उठाया.
कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक में लोकसभा में डिप्टी स्पीकर बनाने और यह पद विपक्ष को देने की मांग की. कांग्रेस ने इसके साथ ही नीट परीक्षा मामले पर भी सदन में चर्चा की मांग की. एनडीए गठबंधन में शामिल सरकार की सहयोगी जेडीयू से संजय झा और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की. जेडीयू ने कहा कि अगर विशेष राज्य का दर्जा देने में कोई दिक्कत है तो फिर बिहार को विशेष पैकेज दिया जाए. जेडीयू ने बिहार में लगातार आने वाली बाढ़ के मुद्दे को भी उठाते हुए भारत सरकार से इस मुद्दे पर कदम उठाने और पड़ोसी देश नेपाल से भी इस मुद्दे पर बात करने की मांग की. विपक्षी पार्टी राजद ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की.
वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करने के साथ ही राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की भी मांग की. बीजू जनता दल ने सर्वदलीय बैठक में ओडिशा को भी विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठाया.
सर्वदलीय बैठक पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हमारी चर्चा बहुत उपयोगी रही. मैं सभी दलों के फ्लोर नेताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने अच्छे सुझाव दिए हैं. बैठक में भाजपा समेत 44 दलों ने हिस्सा लिया. हमने सभी फ्लोर नेताओं से सुझाव लिए हैं. संसद को सुचारू रूप से चलाना, सरकार और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपील की कि हम लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और जब कोई सदस्य संसद में बोलता है, तो हमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और न ही बीच में बोलना चाहिए.