पंजाब लोकसभा चुनाव में अब की बार AAP को होगा फायदा, ये है असली वजह
नई दिल्ली । लोकसभा इलेक्शन के लिए बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल के बीच गठबंधन की बातचीत विफल होने से यह साफ हो गया है कि बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में सभी तेरह सीटों पर चतुष्कोणीय मुकाबला होने की संभावना है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि आम आदमी पार्टी (आप) इन मुकाबलों में पंजाब की सत्ता का किस तरह फायदा उठाती है।
इलेक्शन की घोषणा के बाद सबसे पहले आपने अपने 8 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की। दूसरी ओर, राज्य में कम ताकत होने के बावजूद बीजेपी अति आत्मविश्वास में नहीं है। अकाली दल से पिछले 25 साल से चला आ रहा गठबंधन टूट गया है और बीजेपी ने स्वतंत्र रूप से लड़ने का निर्णय लिया है।
2019 के लोकसभा इलेक्शन में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली कांग्रेस के साथ-साथ सभी चार पार्टियां आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी। हालांकि, आप के खिलाफ कार्रवाई से पंजाब में सहानुभूति की लहर बढ़ने में मदद मिल रही है। इसी तेजी का फायदा उठाकर आम आदमी पार्टी फिलहाल ‘दिल्ली’ तक पहुंचने का सपना संजो रही है।
2019 चुनाव में कितनी सीटें?
कांग्रेस- 8
अकाली दल – 2
बीजेपी – 2
आप – 1
बीजेपी के सामने चुनौती
पंजाब में सबसे कम ताकतवर होने के बावजूद बीजेपी का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई का इस राज्य में क्या असर होगा? इसके अलावा किसान आंदोलन के जरिए भी भाजपा ने किसानों की नाराजगी मोल ली है। शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा से नाता तोड़ लिया और तीन किसान कानूनों को रद्द न करके किसानों की सहानुभूति हासिल कर ली। ऐसा लगता है कि बीजेपी को इससे जूझना पड़ेगा।