नीट पेपर लीक मामले में प्रिंसिपल समेत 3 गिरफ्तार, बिहार के दो मास्टरमाइंड ने रचा था खेल
नई दिल्ली। मेडिकल स्टूडेंट के नीट यूजी पेपर लीक मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) देशभर में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। पटना से लेकर राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आरोपियों की धरपकड़ की जा रही है। बिहार के हजारीबाग से स्कूल के प्रिंसिपल और वाईस प्रिंसिपल समेत 3 लोगों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। पटना में सीबीआई ने जिस आशुतोष और मनीष प्रकाश को गिरफ्तार किया था। शनिवार को उन सभी का मेडिकल टेस्ट कराया गया। शनिवार को सीबीआई ने पेपर लीक मामले में पटना की बेउर जेल में बंद कई आरोपियों से पूछताछ भी की। पूछताछ के दौरान अधिकांश आरोपियों ने संजीव मुखिया और सिकंदर यादवेंदु का नाम लिया है। नीट-यूजी पेपर लीक मामले में यही दोनों मास्टरमाइंड हैं।
संजीव मुखिया ने नीट-यूजी परीक्षा से एक दिन पहले 4 मई को पटना में लर्न प्ले स्कूल से जुड़े लड़कों के हॉस्टल में लगभग 25 कैंडिडेट्स को अपने यहां रुकवाया था। इन सभी 25 कैंडिडेट्स को हॉस्टल में लीक हुए पेपर और आंसर शीट पर दी गई थी। बता दें कि संजीव मुखिया का बेटा शिव बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल होने के कारण पहले से ही जेल में बंद हैं। दूसरी ओर, दानापुर नगरपालिका समिति में एक जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेन्दु भी इस मामले का मास्टरमाइंड है। इस नीट पेपर को वितरित करने का आरोप लगा है।
सीबीआई जांच से पहले बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) इस मामले की जांच कर रही थी। नीट-यूजी पेपर लीक मामले में अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। केंद्रीय एजेंसी ने गुरुवार को इस मामले में पहली गिरफ्तारी की है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट-यूजी 2024 की परीक्षा 5 मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की थी। इस परीक्षा में 24 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे। परिणाम 4 जून को घोषित किए गए थे। नतीजे घोषित होने के तुरंत बाद ही छात्रों ने अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। 67 छात्रों ने टॉप रैंक हासिल की थी। इसके अलावा बिहार में भी नीट -यूजी के पेपर लीक होने के भी आरोप लगे। तब से इस मामले में जांच बैठा दी गई और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।