सेधमारी मामले पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करना संसद का ‘अपमान’, पीएम मोदी पर बरसे कपिल सिब्‍बल

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नई दिल्‍ली । संसद पर सेंधमारी मामले में विपक्ष की ओर से केंद्र सरकार पर लगातार हमला किया जा रहा है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने एक दिन पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी से पूरे मामले में संसद में आकर बयान देने की बात कही तो वहीं राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने आज सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की ओर से संसद की सुरक्षा उल्लंघन से जुड़े मसले पर सदन में बोलने के जगह सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करना संसद का ‘अपमान’ है।

पिछले हफ्ते 13 दिसंबर को सत्र के दौरान दो लोग दर्शक दीर्घा से लोकसभा सदन में कूद गए थे, इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के कई सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग की, जबकि कई विपक्षी सांसद तो उनके इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं.दूसरी ओर, सरकार की ओर से यह कहा गया है कि संसद परिसर में सुरक्षा की जिम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की है और वह स्पीकर के निर्देशों का पालन कर रही है।

संसद में बयान नहीं दे रहे PM: कपिल सिब्बल

सोशल मीडिया X पर अपने एक पोस्ट में, पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल ने कहा, 13 दिसंबर को संसद में हुई सेंधमारी पर पीएम (नरेंद्र मोदी), अमित (शाह)… संसद का सामना करने की जगह ये दोनों लोग सार्वजनिक रूप से अपनी बातें रख रहे हैं. और यह संसद का अपमान है. उन्होंने आगे कहा, आपकी शब्दावली में यह आपके संस्थागत शिष्टाचार में नहीं आता है।

पिछले हफ्ते गुरुवार को, अमित शाह ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि संसद की सुरक्षा उल्लंघन एक गंभीर मसला है और लोकसभा स्पीकर ने मामले पर संज्ञान लिया है. साथ ही गृह मंत्री ने विपक्ष पर इस मसले पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, सुरक्षा में चूक हुई है और इसकी जांच के लिए एक समिति गठित कर दी गई है. समिति अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

PM मोदी ने इंटरव्यू में घटना का किया जिक्र

इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक हिंदी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि जांच एजेंसियां संसद में सुरक्षा उल्लंघन की घटना की जांच कर रही हैं और कड़े कदम भी उठा रही हैं, साथ ही इसके पीछे के लोगों और उनके उद्देश्यों की तह तक जाना भी उतना ही बेहद जरूरी है. अखबार के अनुसार, पीएम ने इस उल्लंघन को दर्दनाक और चिंता का विषय करार दिया है।

पीएम मोदी ने इस इंटरव्यू में यह भी कहा था, सामूहिक भावना से समाधान खोजने का प्रयास भी किया जाना चाहिए. सभी को इस तरह के मुद्दे पर झगड़ने से बचना चाहिए।

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