सेक्शन 104 एक्ट नियमों से ड्राइवर डरे, जाने क्या-क्या सख्त प्रावधान; पूरे देश में ड्राइवरो का चक्काजाम

0

नई दिल्ली। भारत के आपराधिक कानूनों में बड़ा बदलाव हुआ है और अगले कुछ महीनों में ये लागू हो जाएंगे। अब भारतीय दंड संहिता का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता हो गया है। इसके तहत धाराएं बदल गई हैं तो कई कानून की परिभाषाएं भी अब पहले से अलग हैं। यही नहीं कई मामलों में तो सजा से लेकर जुर्माने तक के प्रावधानों में बदलाव आया है। इन्हीं में से एक कानून हिट एंड रन का है, जिस पर बवाल मचा हुआ है। दरअसल हर साल करीब 50 हजार लोग सड़क पर हुए हादसों और समय पर अस्पताल न पहुंचाए जाने की वजह से मारे जाते हैं। ऐसे में हिट एंड रन कानून को सख्त कर दिया गया है। इसी को लेकर देश भर में ट्रक, टैक्सी और बस चालक आंदोलन पर उतरे हैं।

यूपी, दिल्ली, बिहार, एमपी, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान समेत तमाम राज्यों में इसके खिलाफ आंदोलन हो रहा है। बसों और ट्रकों के चक्के जाम हैं और पेट्रोल तक की किल्लत होने लगी है। आइए जानते हैं, इस कानून में ऐसे क्या प्रावधान हैं, जिनसे देश भर में गाड़ी वालों के होश उड़ गए हैं और वे आंदोलन पर उतर आए हैं।

सेक्शन 104 में है हिट एंड कानून का जिक्र

दरअसल हिट एंड रन कानून को नई बनी भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 104 में समाहित किया गया है। इसके अनुसार यदि गलत ड्राइविंग या फिर लापरवाही के चलते यदि किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो फिर वाहन चालक को अधिकतम 7 वर्ष की सजा होगी और जुर्माना भी लगेगा। सेक्शन 104 (A) में इसका जिक्र किया गया है। वहीं 104 बी में साफ लिखा गया है कि यदि कोई हादसा हो जाता है और गाड़ी से टक्कर के बाद ड्राइवर खुद मौके से या वाहन समेत भाग निकलता है तो उसे 10 वर्ष की सजा होगी।
ड्राइवरों को सबसे ज्यादा चुभ रहा है यह सख्त प्रावधान

इसमें लिखा गया है कि यदि हादसे के बाद चालक घटना की जानकारी पुलिस अधिकारी या फिर मजिस्ट्रेट को नहीं देता है तो उसे 10 साल तक की कैद हो सकती है और फाइन भी देना होगा। इसी प्रावधान को लेकर ड्राइवरों में उबाल है। फिलहाल बस, ऑटो, टैक्सी और ट्रक ड्राइवर ही आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन यह सभी पर लागू होगा। ऐसे में निजी वाहन चालकों के लिए भी यह कानून चिंता का मसला है। ऐसे में आने वाले दिनों में हिट एंड रन को लेकर चल रहा आंदोलन बढ़ भी सकता है।

हिट एंड रन पर क्या कहते हैं कानूनी जानकार

कानून के जानकारों का कहना है कि हिट एंड रन को लेकर नए सख्त प्रावधान एक चुनौती बढ़ा सकते हैं। दरअसल इसमें कहा गया है कि हादसे के बाद वाहन चालक को पुलिस या मजिस्ट्रेट को जानकारी देनी होगी। यदि वह पीड़ित को मरता छोड़कर भाग जाता है तो 10 साल तक की कैद होगी और फाइन लगेगा। जानकार कहते हैं कि यह दोहरी मुसीबत है। यदि हादसे के बाद ड्राइवर रुकता है और पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने के बारे में विचार करता है तो भीड़ उसे पीट-पीटकर मार सकती है। ऐसी घटनाएं कई बार हो चुकी हैं। अब यदि वह नहीं रुकता है तो फिर 10 साल की सजा होगी। इस तरह यह कानून दोधारी तलवार हो सकता है और इसी वजह से विरोध जारी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed