राम मंदिर पर सियासी पारा हाई, लालू के विधायक को वीएचपी नेता का करारा जवाब

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नई दिल्‍ली । इन दिनों देश में राम मंदिर सुर्खियों में बना हुआ है, वहीं इस पर राजनीति भी जमकर हो रही है. इस बीच आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह ने राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया है, जिस पर सियासी पारा चढ़ गया है । विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार फतेह बहादुर की टिप्पणी पर कहा है कि जब पूरा देश भगवान राम के प्रतिष्ठित होने का इंतजार कर रहा है वहीं आरजेडी विधायक ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण बयान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार में राबड़ी आवास के बाहर पोस्टर लगाया गया, जिसकी भाषा बेहत खराब है. पोस्टर में मंदिर की घंटी को मूर्खता, पाखंड, अज्ञान कहा गया है. मंदिर को मानसिक गुलामी बताया गया है. ऐसा कहना बेहद गलत हैउन्होंने कहा कि जब लाल कृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की यात्रा निकाली थी, तब भी लालू प्रसाद यादव ने उन्हें गिरफ्तार करवा कर तनाव पैदा करने की कोशिश की थी. अब जब पूरा देश भागवान राम के मंदिर का इंतजार कर रहा है, ऐसे में बिहार में इस तरह के पोस्टर लगाए जा रहे हैं. आलोक कुमार ने कहा कि उन्हें यकीन है कि इस पूरे काम में आरजेडी भी शामिल है, ये काम अलग से नहीं किया गया है।

‘पोस्टर के जरिए तनाव भड़काने की कोशिश’

आलोक कुमार ने कहा कि इस तरह का काम करके एक बार फिर से तनाव भड़काने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि मंदिर में भगवान के विराजने से पहले देश की शांति और व्यवस्था को भंग करने की सोची समझी साजिश है. उन्होंने कहा कि उचित समय आने पर देश की जनता आरजेडी को जवाब जरूर देगी. इस समय देश में चुनाव का माहौल है. इस तरह के काम के लिए भारत की जनता आरजेडी को चुनाव में जवाब देगी ।

‘जनता आरजेडी को जवाब देगी’

इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वो लोगों से प्रार्थना करते हैं कि इस पोस्टर से आवेश में आकर लोग भड़के नहीं ना ही देश की शांति भंग करें. उन्होंने कहा कि समय आने पर कानून के जरिए इसका सही तरीके से जवाब दिया जाएगा. गौरतलब है कि आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह ने राम मंदिर को लेकर बयान दिया था कि राम मंदिर से आम लोगों का नहीं बल्क पाखंडियों का विकास होगा. उन्होंने ये भी कहा था कि देश के नौजवानों के हाथ में किताबें और कलम होनी चाहिए, लेकिन सत्ता की लालच में लोग उन्हें अंधकार की तरफ धकेल रहे हैं. उन्हें ज्ञान से दूर कर अंधविश्वास की तरफ धकेला जा रहा है।

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