राजस्थान के CM पद की शपथ लेने जा रहे भजनलाल शर्मा के कुछ अनकहे किस्सें…
नई दिल्ली। 15 दिसंबर का दिन भजनलाल शर्मा की जिंदगी में सबसे यादगार रहेगा। इस दिन साल 1967 को भजनलाल शर्मा जन्मे और ठीक 56 साल बाद इसी दिन 2023 में राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे।
राजस्थान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जयपुर की सांगानेर सीट से भाजपा विधायक हैं जबकि मूलरूप से भरतपुर जिले के नदबई विधानसभा क्षेत्र के गांव अटारी के रहने वाले हैं। भजनलाल शर्मा के बचपन के दोस्त व क्लासमेट रामबाबू ने किए बातें शेयर की हैं।
मीडिया से बातचीत में रामबाबू शर्मा ने बताया कि वो और भजनलाल शर्मा स्कूल-कॉलेज में एक साथ पढ़ते थे। दोनों की इच्छा थी कि बीएड करके टीचर बन जाए। इनके घर वाले भी यही चाहते थे।
रामबाबू व भजनलाल शर्मा ने किराए का मकान लेकर पढ़ाई की। बीएड की डिग्री हासिल करने के बाद शिक्षक भर्ती में भी भाग्य आजमाया, मगर दोनों का ही चयन हो पाया।
शिक्षक बनने का सपना टूटा तो रामबाबू किराए का मकान छोड़कर अपने घर आ गए और खेतीबाड़ी करने लगे। वहीं, भजनलाल शर्मा का राजनीति से जुड़ाव हो गया और उन्होंने भाजपा जवाइन कर ली।
भजनलाल शर्मा: सरपंच से सीएम तक का सफर
भजनलाल शर्मा के पिता किशन स्वरूप शर्मा ने भी मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि वे 35 बीघा जमीन के मालिक हैं। इकलौटे बेटे भजनलाल को टीचर बनाना चाहते थे। बेटा राजनीति में आ गया। गांव अटारी से दो बार सरपंच रहा। अब राजस्थान सीएम बना है।
भजनलाल शर्मा के राजस्थान मुख्यमंत्री बनने की वजह
सांगानेर से पहली बार विधायक बनने वाले भजनलाल शर्मा के सीएम बनने की कई वजह हैं। ये ब्राह्मण और युवा चेहरा हैं। पीएम नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह के करीबी हैं। भजनलाल शर्मा राजस्थान भाजपा के किसी भी गुट में शामिल नहीं हैं। राजनीति में इनकी छवि निर्विवाद वाली है। भजनलाल शर्मा छात्र जीवन से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए थे। फिर आरएसएस में भी सक्रिय रहे।