म्यांमार से भागे हजारों लोग मणिपुर की सीमा से भारत में घुसे
नई दिल्ली। म्यांमार छोड़कर भारत आने वालों की संख्या हजारों में पहुंच गई है। म्यांमार में भड़की हिंसा से लोग अपना देश छोड़कर भारतीय सीमा में घुसपैठ कर रहे हैं। अधिकारियों ने सोमवार बताया कि म्यांमार से लगभग 2200 लोग कुछ दिन में मणिपुर के सीमावर्ती जिले कामजोंग में दाखिल हुए हैं। जिले के अलग-अलग इलाकों में भागकर आए ये लोग राज्य में शरण मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। फरवरी 2021 में सेना की ओर से तख्तापलट कर सत्ता पर काबिज होने के बाद से म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। अधिकारी ने कहा, 10 दिसंबर तक करीब 2260 शरणार्थी कामजोंग जिले में घुसे हैं। यहां पर इनकी बायोमेट्रिक पहचान ली जा रही है। अब तक करीब 1778 बायोमेट्रिक्स कैप्चर किए गए हैं।’
कामजोंग जिले में तैनात अधिकारियों के अनुसार, म्यांमार से भागकर मणिपुर आने वाले शरणार्थियों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। पिछले एक महीने से इन्हें भोजन और अन्य जरूरी घरेलू सामान मुहैया कराकर मदद दी जा रही है। इनमें से ज्यादातर फाइकोह, एच थाना/संगकालोक, के अशांग खुल्लन, वांगली और नामली गांवों में रुके हुए हैं। अधिकारी ने बताया कि कुछ शरणार्थी रविवार को भी जिले में पहुंचे हैं। मालूम हो कि मणिपुर के 5 जिले (चुराचांदपुर, चंदेल, कामजोंग, तेंगनौपाल और उखरुल) म्यांमार संग 398 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं। अकेले कामजोंग जिले की 109 किमी लंबी सीमा म्यांमार से लगी है।
भारत ने म्यांमार को सुरक्षा चिंताओं के बारे में बताया
इधर, भारत घुसपैठ से चिंतित है। भारत ने म्यांमार को अपनी सुरक्षा चिंताओं और शरणार्थियों के आगमन सहित सीमा पर पैदा हुई चुनौतियों से अवगत कराया है। भारत-म्यांमार सीमा के पास लड़ाई के कारण मिजोरम में भी म्यांमार के शरणार्थियों की आमद बढ़ गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह मुद्दा बीते बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित भारत-म्यांमार विदेश कार्यालय विचार-विमर्श में उठाया गया। भारत स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान और म्यांमार में लोकतंत्र की वापसी की अपील करता रहा है। बागची ने कहा, हमने विशेष रूप से शरणार्थियों के आगमन, सीमा पर पैदा हुई चुनौतियों समेत सुरक्षा चिंताओं से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा की।