महुआ मोइत्रा, लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं
नई दिल्ली। महुआ मोइत्रा ने लोकसभा से हुआ निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मोइत्रा को शुक्रवार को रिश्वत लेकर सवाल पूछने के मामले में निचले सदन से बाहर कर दिया गया था। हालांकि तृणमूल कांग्रेस की नेता ने तमाम आरोपों से इनकार किया था। उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी सांसद निशिकांत दुबे ने घूस लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप लगाए थे। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट स्वीकार करने के बाद 8 दिसंबर को महुआ को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। उनपर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत और महंगे गिफ्ट्स लेने के आरोप लगे थे। खुद कारोबारी की ओर से भी हलफनामा दाखिल किया गया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि महुआ ने अडानी समूह पर सवाल उठाने के लिए संसद के लॉगिन डिटेल्स शेयर किए थे। निष्कासन के बाद महुआ ने एथिक्स कमेटी पर भी निशाना साधा था। उन्होंने ‘बगैर सबूत कार्रवाई के आरोप लगाए थे। साथ ही उन्होंने कहा था कि यह विपक्ष को निशाना बनाने का हथियार बन रहा है। उनके आरोप थे कि एथिक्स कमेटी ने सभी नियम तोड़े हैं। उन्होंने कहा था कि जब कमेटी की रिपोर्ट ली गई, जब उन्हें सफाई पेश करने का मौका ही नहीं मिला। खास बात है कि 2 दिसंबर को महुआ को एथिक्स कमेटी के सामने पेश होने के लिए भी कहा गया था, लेकिन वह कमेटी पर आरोप लगाते हुए बाहर आ गईं थीं। उन्होंने बाहर आकर कमेटी पर ही गलत सवाल पूछने के आरोप लगाए थे। उस दौरान कमेटी का ही हिस्सा रहे सांसद दानिश अली भी महुआ के समर्थन में उतर आए थे।