नए संसद की सुरक्षा को लेकर किए गए तमाम दावे की घटना ने खोली पोल

0

नई दिल्ली। पुराने संसद भवन पर 13 दिसंबर 2001 को बड़ा आतंकी हमला हुआ था, इसमें 9 सुरक्षकर्मी मारे गए थे। इनमें एक जवान दिल्‍ली पुलिस का भी था। तब से संसद के सुरक्षा बंदोबस्‍त को लगातार कड़ा किया गया। आतंकी हमले की आशंका के चलते संसद की नई बिल्डिंग में सुरक्षा बंदोबस्‍त का खास ख्‍याल रखा गया है। नई इमारत में सुरक्षा के लिए कई ऐसे इंतजाम किए गए हैं, जो पहले नहीं थे। लेकिन बुधवार को नई संसद की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक देखने को मिली। संदिग्ध सुरक्षा घेरा तोड़कर लोकसभा में विजिटर गैलरी से नीचे कूद पड़े। संसद की कार्यवाही के दौरान 2 शख्स सुरक्षा घेरा तोड़कर जैसे ही लोकसभा में घुसे और बेंच पर चढ़कर कूदने लगे, तभी हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सुरक्षाकर्मी दौड़े और दोनों आरोपियों को पकड़ लिया गया। बताया जा रहा है कि लोकसभा में घुसने के दौरान आरोपी शख्स ने स्प्रे भी किया है। आखिर जिस सुरक्षा बंदोबस्‍त के बारे में कहा जा रहा था कि कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता वहां पर इस चूक पर सवाल उठने लगे हैं।

इस तरह की है सुरक्षा व्‍यवस्‍था

संसद की नई इमारत में थर्मल इमेजिंग सिस्‍टम लगाया गया है। इससे संसद भवन परिसर में किसी भी तरह की घुसपैठ का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। इसके अलावा संसद भवन परिसर की निगरानी के लिए फेस रिकग्निशन सिस्‍टम से लैस एडवांस सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। ये सीसीटीवी कैमरा 360 डिग्री रोटेट कर निगरानी रखेंगे। इससे संदिग्‍ध व्‍यक्ति के लिए परिसर में घुस पाना बहुत ज्‍यादा मुश्किल हो जाएगा।

कई स्‍तर के सुरक्षा प्रबंध
संसद भवन परिसर में किसी भी संदिग्‍ध व्‍यक्ति को रोकने और किसी भी अनहोनी को नाकाम करने के लिए कई स्‍तर के सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इनमें बैरियर्स, बाड़ और चौकियों पर आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षा बलों की तैनाती। नए भवन के सुरक्षा बंदोबस्‍त में इस बात का खास ख्‍याल रखा गया है कि अगर संसद पर आतंकी हमला, बम धमाका या किसी दूसरी तरह से हमला किया जाए तो किसी भी सांसद, कर्मचारी या दूसरे लोगों को कोई नुकसान न हो।

सुरक्षा में खामी पर सवालों की बरसात

पुरानी संसद को उस समय की जरूरतों और तकनीक के हिसाब से बनाया गया था। पुराना संसद भवन स्‍थान, सुविधाओं और तकनीक के मामले में मौजूदा जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा था। ऐसे में नए संसद भवन की जरूरत महसूस की जा रही थी। नई संसद में कार्यवाही चलते अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है, लेकिन बुधवार को सुरक्षा में खामी ने सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। ये महज सुरक्षा में चूक का मामला है या कोई साजिश थी, इसका पता तो भविष्य में होने वाली जांच-पड़ताल के बाद ही चलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *