चुनाव की तारीखों का ऐलान,राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी हो गई लागू
मध्य प्रदेश ; मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इसी के साथ इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। 3 दिसंबर को मतगणना होगी। चुनाव आयोग ने कहा है कि 5 दिसंबर से पहले चुनावी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इस दौरान ज्यादातर सरकारी कामों पर अस्थाई रोक लगी रहेगी। ये वो काम होते हैं, जिनसे सरकार को फायदा होने का अंदेशा होता है।
ऐसे में आम नागरिकों के मन में कई तरह के सवाल हैं। मसलन- मध्य प्रदेश में लाडली बहना स्कीम के तहत मिलने वाली रकम क्या बंद हो जाएगी, अगर कोई सड़क आधी बनी है तो क्या काम रुक जाएगा, क्या ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसे डॉक्यूमेंट बनने भी बंद हो जाएंगे?
इलेक्शन एजुकेशन सीरीज के इस एपिसोड में ऐसे ही जरूरी सवालों के जवाब जानेंगे…
सवाल 1: आज से 5 चुनावी राज्यों में लागू हुई आदर्श आचार संहिता होती क्या है?
जवाबः स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं, जिसे आचार संहिता कहते हैं। चुनाव के समय राजनीतिक दलों और सभी प्रत्याशियों को इसका पालन करना होता है। आचार संहिता के तहत बताया जाता है कि राजनीतिक दलों और कैंडिडेट को चुनाव के दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना है।
आचार संहिता की सबसे खास बात ये है कि ये नियम किसी कानून के जरिए नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियों की आपसी सहमति से बनाए गए हैं। आदर्श आचार संहिता की वजह से चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और सत्ताधारी दलों के कामकाज और उनके व्यवहार पर नजर रखना संभव होता है।
सवाल 2: 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में आचार संहिता कब से कब तक लागू रहेगी?
जवाबः चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाती है। ये आचार संहिता इलेक्शन की पूरी प्रक्रिया खत्म होने तक जारी रहती है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान 9 अक्टूबर को किया गया। इस दिन से आचार संहिता लागू हो गई।
3 दिसंबर को सभी 5 राज्यों में मतगणना होगी। इलेक्शन कमीशन ने कहा कि 5 दिसंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। चुनाव प्रक्रिया पूरी होते ही आचार संहिता खत्म हो जाती है।
सवाल 3: आचार संहिता के दौरान कौन से काम रुक जाते हैं और कौन से चालू रहते हैं?
जवाबः आदर्श आचार संहिता की वजह से इन कामों पर रोक लग जाती है…
चुनाव कार्यों से जुड़े किसी भी अधिकारी को किसी भी नेता या मंत्री से उसकी निजी यात्रा या आवास में मिलने की मनाही होती है। ऐसा करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
सरकारी खर्चे पर किसी नेता के आवास पर इफ्तार पार्टी या अन्य पार्टियों का आयोजन नहीं कराया जा सकता है। हालांकि अपने खर्च पर वो ये कार्यक्रम कर सकते हैं।
सत्ताधारी पार्टी के लिए सरकारी पैसे से सरकार के काम का प्रचार-प्रसार करने के लिए विज्ञापन चलाने पर भी रोक होती है।
जिस योजना को हरी झंडी मिली है, लेकिन जमीनी स्तर पर काम शुरू नहीं हुआ हो तो आचार संहिता लागू होने के बाद उस योजना पर काम स्टार्ट नहीं किया जा सकता है।
विधायक, सांसद या विधान परिषद के सदस्य आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड से नई राशि जारी नहीं कर सकते हैं।
आदर्श आचार संहिता लगने के बाद पेंशन फॉर्म जमा नहीं हो सकते और नए राशन कार्ड भी नहीं बनाए जा सकते। हथियार रखने के लिए नया आर्म्स लाइसेंस नहीं बनेगा। BPL के पीले कार्ड नहीं बनाए जाएंगे।
कोई भी नया सरकारी काम शुरू नहीं होगा। किसी नए काम के लिए टेंडर भी जारी नहीं होंगे। किसी नए काम की घोषणा नहीं होगी।
इस दौरान बड़ी बिल्डिंगों को क्लियरेंस नहीं दी जाती है।