घातक है भारत का आकास मिशाइल सिस्‍टम, 64 टारगेट को एकसाथ खत्म कर सकता है

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नई दिल्‍ली । भारत ने वो कर दिखाया है, जो दुनिया के किसी देश ने अभी तक नहीं किया है. क्योंकि अभी तक विश्व के कई देश ऐसा दावा कर चुके हैं कि उनके पास ऐसे सिस्टम हैं जो एक साथ कई टारगेट को निशाना बना सकते हैं, लेकिन यह किसी ने अभी तक करके दिखाया नहीं है। हालांकि भारत ने पहली बार अपने आकाश मिसाइल सिस्टम से एक साथ 4 टारगेट को मार गिराने का वीडियो जारी किया है।

आकाश हथियार प्रणाली को स्वदेशी रूप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है. भारत की इस सटीक रक्षा प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों से ऑर्डर मिले हैं. डीआरडीओ वैज्ञानिकों द्वारा इसे लगातार अपग्रेड भी किया जा रहा है. भारत की तरफ से इस मिसाइल सिस्टम का परीक्षण 12 दिसंबर को सूर्यलंका वायु सेना स्टेशन में किया गया था।

हाल ही में फिलीपिंस ने भारत के साथ ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने को लेकर 375 मिलियन डॉलर की डील की थी. फिलीपिंस के साथ चीन का कई मुद्दों पर विवाद है और वह अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत करने में लगा हुआ है, इसी कड़ी में उसने आकाश रक्षा प्रणाली में भी दिलचस्पी दिखाई है. इसके साथ ही मिस्र और अर्मेनिया ने आकाश डिफेंस सिस्टम की खरीद को लेकर उत्सुकता दिखाई है।

आकाश की खासियत क्या है?

आकाश कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जो हवाई हमलों से बचाती है. आकाश हथियार प्रणाली (AWS) समूह मोड या स्वायत्त मोड में एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है. इसमें काउंटर-काउंटर मेज़र्स (ECCM) सुविधाएं हैं. संपूर्ण हथियार प्रणाली को मोबाइल प्लेटफॉर्म पर कॉन्फिगर किया गया है. इसके साथ ही आकाश के 3 वेरिएंट हैं, जो 4.5 किलोमीटर से 90 किलोमीटर तक मारक क्षमता रखता है. यह हेलीकॉप्टर, लड़ाकू विमान, यूएवी आदि को आसानी से मार गिराने में समक्ष है. साथ ही यह लक्ष्य का पता लगाने से लेकर उसको मारने तक स्वचालित है।

आकाश वन की रेंज 25 किलोमीटर है और यह एक साथ 4 टारगेट को ढेर कर सकता है. इसके साथ ही दूसरे वेरिएंट की रेंज 40 किमी है. यह 12 टारगेट को आसानी से मार गिरा सकता है. वहीं तीसरी वेरिएंट की रेंज 90 किमी है और इसको आकाश एनजी नाम दिया गया है. एनजी वेरिएंट की अगर बात करें तो यह 98 फीसदी किलिंग प्रोबेबिलिटी की क्षमता रखता है. एनजी में भारत का ही बना हुआ राजेंद्र रडार लगाया गया है, जो कि 150 किलोमीटर दूर से दुश्मन का पता लगा सकता है. यही नहीं यह एक साथ 64 टारगेट को मार गिराने में सक्षम है।

आकाश की तैनाती अर्मेनिया में जल्द

2020 में भारत सरकार ने आकाश मिसाइल के एक्सपोर्ट को मंजूरी दी थी, जिसके बाद 9 देशों ने इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी. आकाश की तकनीक को डीआरडीओ ने विकसित किया है जबकि इसे भारत डायनामिक्स लिमिटेड द्वारा पूर्ण रूप से बनाया जाता है. भारत डायनामिक्स लिमिटेड की ऑर्डर बुक में इस बात की पुष्टि होती है कि आकाश को जल्द ही अर्मेनिया में लगाया जाएगा. अभी तक अर्मेनिया अपने 94 फीसदी हथियार रूस से खरीदता था लेकिन यूक्रेन के साथ जंग के बाद रूस ने अर्मेनिया को हथियार देने से मना कर दिया. इसके बाद अर्मेनिया ने भारत सरकार के साथ हथियार डील पर बातचीत की. अभी तक अर्मेनिया रूस का बना हुआ पिचोरा 125 यूज करता है. हालांकि अब वह अपने एयर डिफेंस को अपग्रेड कर रहा है।

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