लोकसभा से 49 और विपक्षी सदस्य निलंबित, अबतक 95 सदस्य हुए सस्पेंड

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नई दिल्‍ली । संसद का शीतकालीन सत्र 2023 अपने अभूतपूर्व घटनाओं के लिए याद रखा जायेगा. अबतक हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा से 141 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है. मंगलवार को एक बार फिर लोकसभा के 49 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया।
पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल के समक्ष संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने रखा सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव ।

नई दिल्ली । लोकसभा में तख्तियां दिखाने और सदन की अवमानना करने को लेकर मंगलवार को फारूक अब्दुल्ला, शशि थरूर, मनीष तिवारी और सुप्रिया सुले सहित 49 और विपक्षी सदस्यों को संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया. सदन की अवमानना के मामले में अब तक कुल 95 लोकसभा सदस्यों को निलंबित किया जा चुका है. इससे पहले गत सप्ताह गुरुवार को 13 सदस्यों को और सोमवार को 33 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था।

सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर शुरू हुई तो पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने सदस्यों के नाम लेते हुए कहा कि अप्रिय प्रसंग है कि अनेक बार अनुरोध के बावजूद आप निरंतर नियमों की अवहेलना कर रहे हैं. आसन की अवहेलना कर रहे हैं. उन्होंने संसद में सुरक्षा चूक के मामले में आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे विपक्षी सांसदों से कहा कि आप निरंतर आग्रह के बाद भी मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं और आपने आसन को कार्यवाही के लिए विवश किया है. इसलिए आपको ‘नेम’ करना पड़ रहा है।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सर्वसम्मति से स्वीकृत हुआ था कि कोई सदस्य सदन के अंदर ‘प्लेकार्ड’ या तख्ती नहीं लाएंगे, उसके बावजूद सांसद आसन का, सदन का और जनादेश का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हाल ही में संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इनका जो हाल हुआ है, उसकी हताशा के कारण ऐसा कदम उठा रहे हैं. जोशी ने कहा कि अगर आप ऐसे ही करते रहे तो अगले चुनाव के बाद आप भी यहां नहीं आ पाएंगे।

इसके बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 49 विपक्षी सदस्यों का नाम लेकर उन्हें तख्तियां दिखाने और आसन की अवमानना करने के मामले में निलंबित करने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया. निलंबित किए गए सदस्यों में कांग्रेस के शशि थरूर, मनीष तिवारी, गुरजीत सिंह औजला, सप्तगिरि उलाका, प्रद्युत बोरदोलोई, गीता कोड़ा, ज्योत्सना महंत, जसवीर गिल, कार्ति चिदंबरम, मोहम्मद सादिक, एम के विष्णु प्रसाद, रवनीत सिंह बिट्टू, के. सुधाकरन, वी. वैथिलिंगम, फ्रांसिस्को सरदिन्हा, अदूर प्रकाश, चेल्ला कुमार और प्रतिभा सिंह शामिल हैं।

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के निलंबित किए गए सदस्यों में एस. जगतरक्षण, एस. आर. पार्थिबन, ए. गणेश मूर्ति, पी. वेलूस्वामी, डीएनवी सेंथिल कुमार और एम. धनुष कुमार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के निलंबित सदस्यों में सुप्रिया सुले, अमोल कोल्हे और पी.पी. मोहम्मद फैजल शामिल हैं।

लोकसभा से जनता दल (यू) के राजीव रंजन सिंह, गिरधारी यादव, संतोष कुमार, दुलाल चंद गोस्वामी, दिनेश चंद्र यादव, महाबली सिंह, दिनेश्वर कामत, सुनील कुमार, चंद्रेश्वर प्रसाद और आलोक कुमार सुमन को भी सदन से निलंबित किया गया है. तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, माला राय, सजदा अहमद और खलीलुर रहमान को, समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव और एस टी हसन को तथा नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला एवं हसनैन मसूदी को भी निलंबित कर दिया गया है।

इनके अलावा बहुजन समाज पार्टी से हाल में निलंबित किए गए लोकसभा सदस्य दानिश अली, वीसीके सांसद थोल तिरुमावलवन, आईयूएमएल के अब्दुस समद समदानी और आम आदमी पार्टी के सुशील कुमार रिंकू को भी निलंबित किया गया है. सदस्यों को निलंबित किये जाने के बाद पीठासीन सभापति अग्रवाल ने कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।

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