टाटा समूह गुजरात के धोलेरा में एक सेमीकंडक्टर कारखाने का करेगा निर्माण, होगा ये सब सस्ता

0

नई दिल्ली। टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने बुधवार को कहा कि टाटा समूह गुजरात के धोलेरा में एक सेमीकंडक्टर कारखाने का निर्माण करेगा। वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन (वीजीजीएस) के यहां आयोजित 10वें संस्करण में चंद्रशेखरन ने कहा कि समूह दो महीने में साणंद में लिथियम आयन बैटरी बनाने के लिए 20 गीगावॉट की गीगाफैक्टरी शुरू करने वाला है।

उन्होंने कहा कि टाटा समूह ने एक संकल्प किया जो पूरा होने वाला है। चंद्रशेखरन ने कहा, “सेमीकंडक्टर फैब के लिए बातचीत पूरी होने वाली है और 2024 में इसे शुरू करेंगे।”

सम्मेलन में रिलायंस इंडस्ट्रीज के सीएमडी मुकेश अंबानी ने बुधवार को कहा कि उनकी कंपनी रिलायंस हजीरा में भारत की पहली विश्व स्तरीय कार्बन फाइबर सुविधा स्थापित करेगी। वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन (वीजीजीएस) के यहां आयोजित 10वें संस्करण में उन्होंने कहा कि रिलायंस एक गुजराती कंपनी थी, है और रहेगी।

कुल निवेश का 1/3 गुजरात में
उन्होंने कहा, “रिलायंस ने पिछले सिर्फ 10 वर्ष में पूरे भारत में विश्व स्तरीय संपत्ति तथा क्षमताएं स्थापित करने में 150 अरब अमेरिकी डॉलर (12 लाख करोड़) से अधिक का निवेश किया है। इसमें से एक तिहाई से अधिक निवेश केवल गुजरात में किया गया।” उन्होंने कहा कि रिलायंस गुजरात को हरित वृद्धि में वैश्विक नेता बनाने में योगदान देगा।

मुकेश अंबानी ने कहा, “हम 2030 तक रिन्यूएबल एनर्जी के जरिए गुजरात की आधी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लक्ष्य में मदद करेंगे।” उन्होंने कहा, “रिलायंस ने जामनगर में 5,000 एकड़ में धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स का निर्माण शुरू कर दिया है। इससे बड़ी संख्या में नौकरियों का सृजन होगा और हरित उत्पाद तथा सामग्रियों का उत्पादन संभव होगा जो गुजरात को हरित उत्पादों का अग्रणी निर्यातक बना देगा।”

शिक्षा, खेल और कौशल ढांचे में सुधार
उन्होंने कहा कि 2036 ओलंपिक के लिए भारत की दावेदारी के लिए रिलायंस तथा रिलायंस फाउंडेशन गुजरात में कई अन्य साझेदारों के साथ मिलकर शिक्षा, खेल और कौशल के बुनियादी ढांचे में सुधार करेंगे जो विभिन्न ओलंपिक खेलों में कल के चैंपियन को तैयार करेंगे। अंबानी ने कहा, “दुनिया की कोई भी ताकत भारत को 2047 तक 35000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने से नहीं रोक सकती। मुझे लगता है कि अकेले गुजरात ही तब तक 3000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *