इस सर्वे में Air India के बिजनेस क्लास पर उठे सवाल, कैटेगरी की चौथी एयरलाइन बनी

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नई दिल्‍ली । टाटा समूह की एयरलाइन एयर इंडिया (Airline Air India)खराब बिजनेस क्लास वाली एयरलाइनों की सूची में चौथे स्थान(fourth place in the list) पर है। यूके स्थित एजेंसी बाउंस के सर्वेक्षण (Agency Bounce Survey)से यह जानकारी मिली है। सर्वे के मुताबिक खराब बिजनेस क्लास के एयरलाइन की कैटेगरी में एयर इंडिया को 7.4/10 अंक मिले हैं और यह इस कैटेगरी की चौथी एयरलाइन बन गई। इजिप्टएयर (5.71), कोपा एयरलाइंस (6.71) और कुवैत एयरवेज (7) अपनी उड़ानों में सबसे खराब बिजनेस क्लास वाली शीर्ष तीन एयरलाइंस थीं। आपको बता दें कि सर्वे में बिजनेस क्लास के केबिन, सीट आराम, उड़ान सेवा, मनोरंजन और सुविधाओं जैसे पैमाने पर वैश्विक एयरलाइनों की रैंकिंग दी गई है।

केबिन सीट में समस्या

सर्वेक्षण में बताया गया कि एयर इंडिया की बिजनेस क्लास सुविधाओं में केबिन सीटें सबसे बड़ी समस्या हैं। केबिन सीटों के लिए इसे 6/10 अंक मिले, हालांकि, उड़ान के दौरान मनोरंजन, भोजन, हवाई अड्डे का अनुभव, पेय पदार्थ जैसी शेष सेवाओं को 7/10 अंक दिए गए। यह रिपोर्ट तब आई जब एयर इंडिया एयरलाइन अपने सभी प्रकार के विमानों को अपग्रेड कर रही है। एयरलाइन एयर इंडिया लाउंज को रिन्यू करने के लिए विश्व प्रसिद्ध हॉस्पिटैलिटी इंटीरियर डिजाइन फर्म हिर्श बेडनर एसोसिएट्स (एचबीए) के साथ भी काम कर रही है।

किसकी सर्विस बेहतर

एजेंसी ने एयरलाइंस द्वारा सर्वोत्तम बिजनेस क्लास सुविधाओं की रैंकिंग भी की। सिंगापुर एयरलाइंस 9.57 के स्कोर के साथ सूची में शीर्ष पर है, उसके बाद कतर एयरवेज (9.43) और ओमान एयर (9.29) हैं। हवाई अड्डों को बिजनेस क्लास सेवाओं के आधार पर भी रैंक किया गया और लंदन का हीथ्रो हवाई अड्डा 7.60/10 के साथ चार्ट में शीर्ष पर रहा। हवाई अड्डे पर 40 से अधिक लाउंज उपलब्ध हैं। कतर का हमाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (7.09) दूसरे स्थान पर और जर्मनी का म्यूनिख हवाई अड्डा (6.99) तीसरे स्थान पर रहा।

पांच और ए350 विमान बेड़े में

बता दें कि एयर इंडिया जून तक अपने बेड़े में पांच और ए350 विमान शामिल करेगी। साथ ही 40 पुराने बोइंग 787 और 777 विमानों को अपग्रेडेड करने की प्रक्रिया जुलाई में शुरू होगी। घाटे में चल रही एयर इंडिया का टाटा समूह ने दो साल पहले 27 जनवरी को अधिग्रहण कर लिया था। उसके बाद से ही इस एयरलाइन को फिर से चाकचौबंद करने की कोशिशें चल रही हैं।

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