नीयत सही हो तो नीतियां सही फल देती हैं: प्रधानमंत्री

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मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की आकांक्षी युवा भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने में अहम भूमिका को स्वीकारा और उसे अगले दस वर्षों के लक्ष्य निर्धारित करने के लिए कहा। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) 1 अप्रैल को अपने 90वें वर्ष का जश्न मना रहा है। इस अवसर पर मुंबई में कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास के संबोधन शामिल रहे।

अपनी सरकार के आरबीआई के साथ मिलकर किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नीयत सही हो तो नीतियां सही फल देती हैं। हमने बैंकिंग क्षेत्र की वृद्धि के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। भाजपा सरकार ने पहचान, संकल्प और पुनर्पूंजीकरण की नीति के साथ काम किया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में हुआ कार्य केवल एक झलक है। देश को बहुत आगे लेकर जाना है और बहुत कुछ करना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीडीपी वृद्धि मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों के संतुलन और सहसंबंध पर निर्भर करती है। 2014 में आरबीआई की 80वीं वर्षगांठ पर स्थिति गंभीर थी। आज भारत की बैंकिंग प्रणाली मजबूत और टिकाऊ मानी जाती है। आरबीआई को 90 वर्ष पूरे करने पर बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक संस्थान के रूप में आरबीआई आजादी के पहले और आजादी के बाद का गवाह है। आज पूरी दुनिया में आरबीआई की पहचान उसके प्रोफेशनलिज्म और प्रतिबद्धता की वजह से बनी है।

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